महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े तय करेंगे शेयर बाजार की नई चाल
वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच बीते सप्ताह उतार-चढ़ाव से गुजर चुके शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह औद्योगिक उत्पादन, खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़ों से तय होगी।
मुंबई। वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच बीते सप्ताह उतार-चढ़ाव से गुजर चुके शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह औद्योगिक उत्पादन, खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़ों से तय होगी। समीक्षाधीन सप्ताह में 60 हजार अंक से नीचे लुढ़का बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सप्ताहांत पर 619.07 अंक की छलांग लगाकर 60686.69 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 183.95 अंक उछलकर 18 हजार के मनौवैज्ञानिक स्तर के पार 18102.75 अंक पर पहुंच गया। बीते सप्ताह सोमवार को शुक्रवार को छोड़क शेष अन्य कारोबारी दिवस शेयर बाजार गिरावट पर रहा। बीते सप्ताह दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियां भी उतार-चढ़ाव से गुजरकर सप्ताहांत पर तेजी के साथ बंद हुर्इं। आलोच्य अवधि में बीएसई का मिडकैप 376.5 अंक मजबूत होकर 26368.78 अंक और स्मॉलकैप 491.76 अंक की उछाल लेकर 29232.53 अंक पर रहा। विश्लेषकों ने कहा कि बीते सप्ताह बाजार पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आंकड़ों का असर रहा लेकिन अब बाजार का ध्यान वैश्विक संकेतों पर केंद्रित होगा। अमेरिका में महंगाई उम्मीद से अधिक रहने के कारण वैश्विक बाजार का कारोबार अस्थिर रहा। हालांकि निवेशकों की ओर से घबराहट की प्रतिक्रिया नहीं है। शुक्रवार को देर शाम जारी उम्मीद से अधिक खुदरा महंगाई और उम्मीद से कमजोर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का घरेलू शेयर बाजार में सोमवार के असर दिख सकता है। थोक महंगाई के आंकड़े भी सोमवार को कारोबार के दौरान घोषित किए जाएंगे। उनका कहना है कि अगला सप्ताह प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का सप्ताह होने जा रहा है। सोमवार को आॅनलाइन बीमा सुविधा देने वाली कंपनी पॉलिसी बाजार और सिगाची का आईपीओ शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगा जबकि पेटीएम 18 नवंबर को द्वितीयक बाजार की शुरुआत करेगा। अगर आंकड़ों की बात करें तो विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पिछले सप्ताह नकद बाजार में 4900 करोड़ रुपए के बिकवाल रहे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5392 करोड़ रुपए की लिवाली की। बढ़ते डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बीच एफआईआई का व्यवहार देखना दिलचस्प होगा क्योंकि वे पिछले कई दिनों से भारतीय बाजारों में भारी बिकवाली कर रहे हैं। वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर टाइटन, अल्ट्रासिमको, बजाज फाइनेंस और टेक महिंद्रा समेत 22 कंपनियों में हुई जबरदस्त लिवाली के बल पर सोमवार को सेंसेक्स 477.99 अंक की छलांग लगाकर 60,545.61 पर और निफ्टी 151.75 अंक उछलकर 18 हजार अंक के पार 18,068.55 अंक पर रहा। वहीं, मंगलवार को वैश्विक स्तर के मिश्रित रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर हुई बिकवाली के दबाव में पिछले एक दिन की तेजी गंवाकर सेंसेक्स 112.16 अंक फिसलकर 60,433.45 अंक और निफ्टी 24.30 अंक उतरकर 18,044.25 अंक पर आ गया। बाजार की गिरावट का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। दुनिया भर के प्रमुख शेयर बाजारों के मिश्रित रूझानों के बीच घरेलू स्तर पर लगातार दूसरे दिन बिकवाली का दबाव रहा तथा सेंसेक्स 80.63 अंक फिसलकर 60352.82 अंक पर और निफ्टी 27.05 अंक उतरकर 18017.20 अंक पर रहा। विदेशी बाजारों की तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर एसबीआई, बजाज फिनसर्व, टेक महिंद्रा और सन फार्मा समेत 24 कंपनियों में हुई बिकवाली के दबाव में गुरुवार को भी लगातार तीसरे दिन सेंसेक्स 433.13 अंक लुढ़ककर 60 हजार अंक के नीचे 59,919.69 अंक और निफ्टी 143.60 अंक गिरकर 18 हजार अंक के नीचे 17,873.60 अंक पर रहा। चौतरफा लिवाली से सप्ताहांत पर शेयर बाजार तीन दिन की गिरावट से उबरने में सफल रहा। वैश्विक बाजार में तेजी और स्थानीय स्तर पर आईटी, टेक, रियल्टी और दूरसंचार समेत सभी समूहों में हुई जबरदस्त लिवाली के दम पर शुक्रवार को सेंसेक्स 767 अंक की छलांग लगाकर 60 हजार अंक के पार 60,686.69 अंक पर और निफ्टी 229.15 अंक उछलकर 18 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर 18,102.75 अंक पर पहुंच गया।
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