गांधी और डॉ. अम्बेडकर के सिद्धांतों का करें अनुसरण : यादव
‘गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी हैं’ विषय पर सेमिनार
कलक्टर डॉ. अमित यादव ने कहा कि गांधीजी के शांति, आर्थिक शिक्षा से संबंधित आदर्श आज भी प्रासंगिक है। वहीं गांधीजी अपने जो भी निर्णय लेते थे वें केवल गरीबों के हितों में ही लेते थे, उनका मानना था कि सही निर्णय वह हो जिस निर्णय से गरीबों का उत्थान हो सके।
सीकर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के तहत गांधी सप्ताह के अन्तर्गत जिला प्रशासन की ओर से कलेक्ट्रेट सभागार में ‘गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी है’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कलक्टर डॉ. अमित यादव ने कहा कि गांधीजी के शांति, आर्थिक शिक्षा से संबंधित आदर्श आज भी प्रासंगिक है। वहीं गांधीजी अपने जो भी निर्णय लेते थे वें केवल गरीबों के हितों में ही लेते थे, उनका मानना था कि सही निर्णय वह हो जिस निर्णय से गरीबों का उत्थान हो सके। उन्होंने कहा कि हमें गांधीजी व डॉ. अम्बेडकर के सिदान्तों का अनुसरण करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन अपने आप में बहुत बड़ी शिक्षा है। उन्होंने कहा कि लोगों के विचारों में मतभेद हो लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। सेमिनार में राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य व महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के सहसंयोजक शिवभगवान नागा ने कहा कि गांधीजी की परिकल्पना थी कि गरीब, असहाय लोगों का काम सबसे पहले करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों के भारत का निर्माण हम सब मिलकर पूरा करेंगे। उन्होंने गांधीजी के सिद्धान्तों को आत्मसात करने की बात कही। इस दौरान इतिहासकार महावीर पुरोहित ने कहा कि गांधीजी ने अपना जीवन सत्य की व्यापक खोज में समर्पित कर दिया और उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी स्वयं की गलतियों ओर खुद पर प्रयोग करते हुए सिखने की कोशिश की तथा अपनी आत्मकथा को सत्य के प्रयोग का नाम दिया।
उन्होंने गांधीजी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि गांधीजी के जीवन दर्शन एवं दार्शनिक विचारों को विश्व बंधुत्व तथा वसुदेव कुटुंबकम के सिद्धान्त को व्यवहारिक जीवन में भी अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने भारत छोडो आंदोलन का नेतृत्व किया इसके साथ ही देश की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम में श्री कल्याण कॉलेज के प्रो. हेमन्त ने कहा कि राजनिति की दशा व दिशा बदल रही है। गांधीजी ने परम्परागत ढांचे को बदलने के लिए काम किया वहीं गांधी अपने जीवन में सत्य, अंहिसा का पालन निडर होकर करते थे। उन्होंने कहा कि गांधी की सारी जीवन यात्रा अच्छे कामों के प्रति समर्पित था। वहीं गांधीदर्शन हमें नई राह व दिशा दिखाता है।
उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन ओर उनके सिद्धान्तों पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर रतन कुमार, सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग राकेश कुमार लाटा, सहायक निदेशक जनसम्पर्क पूरणमल, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश राहड़, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग सुमन पारीक, संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. सुमित्रा, क्षय रोग अधिकारी डॉ. विशाल सिंह, सीपीओ अरविन्द सिंह सामौर, एसई एवीवीएनएल नरेन्द्र गढवाल, एडीईओं सीमा चौधरी, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति दांतारामगढ़ के संयोजक मदन बिजारणियां, पियंका भीचर सहित जिला स्तरीय अधिकारी व महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के सदस्य उपस्थित थे।
Comment List