सरहद पर युद्धाभ्यास, टेंशन में पाकिस्तान
दायरा 500 किलोमीटर का, कुल जवान 30000, दिखाया युद्ध कौशल
जोधपुर। प्रदेश के जैसलमेर में भारतीय सेना द्वारा चल रहा दक्षिण शक्ति युद्धाभ्यास शुक्रवार को संपन्न हुआ। समापन समारोह में वायु सेना ने दुश्मन को हिला देने वाली अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इस युद्धाभ्यास में सेना के टैंक, वायु सेना के फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर और स्वार्म ड्रोन ने अपनी ताकत एवं पराक्रम का प्रदर्शन किया। इसके एक दिन पूर्व थल सेना ने जमीन पर अपनी ताकत दिखाई। दिन के उजाले के साथ ही रात के अंधेरे में भी कुशलता से दुश्मन को टारगेट कर चंद क्षणों में ही नेस्तनाबूद करने की वायु सेना की क्षमता का यहां प्रदर्शन किया गया। हवा से हवा में मार करने व हवा से जमीन पर मिसाइल के जरिए हमला करने के युद्ध कौशल का भारतीय सेना ने प्रदर्शन किया। पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक चल रहे इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना ने न केवल दम-खम दिखाया, बल्कि अपने रण कौशल से दुश्मन देश की सेना में भय व्याप्त कर दिया है।
भारतीय सेना ने दक्षिण शक्ति से चले इस युद्धाभ्यास में कुल 30 हजार जवानों ने हिस्सा लिया। इस दौरान समापन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शामिल होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन वे नहीं आए। थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने इस युद्धाभ्यास को गहराइयों से परखा।
इनसे दिखाई ताकत
अभ्यास में टी-72 व टी-90 के साथ सेना के रशियन टैंक विजयंता और एयरफोर्स के ध्रुव और रुद्र हेलीकॉप्टर व जगुआर लड़ाकू विमान ने संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लिया। जैसलमेर के रेगिस्तान में चल रहे दक्षिण शक्ति युद्धाभ्यास में टी-72 व टी-90 टैंकों ने भी हिस्सा लिया। बीएसएफ, स्थानीय प्रशासन, पुलिस और इंटेलिजेंस को भी इसमें शामिल किया गया है।
शुक्रवार को समापन के दौरान लगभग 400 पैराशूटर्स ने एक साथ पैरा जंप किया। भविष्य में लड़े जाने वाले युद्ध परमाणु शक्ति से लैस देशों के बीच कम समय में और सीमित स्थान पर लड़े जा सकते हैं। ऐसे में उनमें इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बनाए जाने लगे हैं। सभी इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुपों को मिशन, खतरे और इलाके के हिसाब से गठित किया गया है।
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