ठंड ने बढ़ाई सांस, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की परेशानी, बच्चों और बुजुर्गों को हो रही ज्यादा तकलीफ
एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों की भीड़
वायु प्रदूषण में मौजूद हानिकारक गैसें और कण फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकते हैं।
जयपुर। सर्दियों का मौसम आते ही कई प्रकार की मौसमी बीमारियां आमजन को जकड़ लेती हैं, लेकिन विशेष तौर पर अस्थमा और एलर्जी के मरीज ठंड के मौसम में ज्यादा परेशान होते हैं। इसके साथ ही सर्दियों में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। यह तकलीफ को और बढ़ा देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो दुनिया भर में हर 250 में से एक मौत अस्थमा के कारण होती है। इस बीमारी का असर सर्दियों में ज्यादा रहता है। ठंड में सांस लेना मुश्किल हो सकता है और अस्थमा के अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके चलते सवाईमानसिंह सहित अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में भी इन दिनों अस्थमा, सांस और एलर्जी के मरीजों की अच्छी खासी तादाद देखने को मिल रही है। ओपीडी में सामान्य से 20 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
तेज ठंड और प्रदूषण घातक : डॉ. शिवानी
नारायणा हॉस्पिटल की सीनियर कंसलटेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शिवानी स्वामी ने बताया कि ठंड के समय हवा में धुएं और धूल के कण जमा हो जाते हैं, जिन्हें स्मॉग कहा जाता है। यह स्मॉग सांस लेने में परेशानी पैदा करता है। सर्दियों में हवा भी धीमी चलती है, जिससे प्रदूषित कण हवा में लंबे समय तक टिके रहते हैं। यह प्रदूषित कण फेफड़ों में जलन पैदा कर सकते हैं और श्वसन तंत्र को कमजोर कर सकते हैं। सर्दियों के मौसम में ठंडी-सूखी हवा और प्रदूषण फेफड़ों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है। जब अस्थमा से प्रभावित व्यक्ति ठंडी हवा में सांस लेते हैं तो उनके वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं और यह अस्थमा के अटैक को ट्रिगर कर सकता है। बच्चों और बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है इसलिए वे इस समय प्रदूषण से जल्दी प्रभावित हो सकते हैं। वायु प्रदूषण में मौजूद हानिकारक गैसें और कण फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकते हैं।
ऐसे करें बचाव
जब भी आप घर से बाहर जाएं अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें। ठंडी हवा से बचने के लिए हमेशा गर्म कपड़े पहनें। ठंड के मौसम में जब जरूरी हो तो ही बाहर निकलें। घर के अंदर की हवा साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर लगाएं। बाहर ठंड और प्रदूषण अधिक हो तो खुले में व्यायाम न करें। ठंड के दौरान गुनगुना पानी पीने से गले और श्वसन तंत्र को राहत मिलती है। इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए ताजे फल, सब्जियां और विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। अगर अस्थमा के लक्षण बढ़ें तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इन्हेलर और दवाइयां हमेशा अपने पास रखें।
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