बहुमंजिला इमारतों में गरीबों के आवास आरक्षित नहीं करने वाले बिल्डरों पर सरकार करेगी शिकंजा
शहरी क्षेत्र में निर्मित होने वाले बहुमंजिला इमारतों में अगर गरीबों के आवास आरक्षित कर उन्हें उसी प्रोजेक्ट के बजाय दूसरे स्थान पर मकान देने वाले बिल्डरों पर राज्य सरकार शिकंजा कसने की तैयारी कर रहीं है। ऐसे बिल्डरों को अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र का निःशुल्क फायदा नहीं मिल सकेगा। इसके लिए डेवलपर्स को बेटरमेंट लेवी का भुगतान करना होगा।
जयपुर। शहरी क्षेत्र में निर्मित होने वाले बहुमंजिला इमारतों में अगर गरीबों के आवास आरक्षित कर उन्हें उसी प्रोजेक्ट के बजाय दूसरे स्थान पर मकान देने वाले बिल्डरों पर राज्य सरकार शिकंजा कसने की तैयारी कर रहीं है। ऐसे बिल्डरों को अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र का निःशुल्क फायदा नहीं मिल सकेगा। इसके लिए डेवलपर्स को बेटरमेंट लेवी का भुगतान करना होगा। मुख्यमंत्री जन आवास योजना के नियमों में संशोधन के जरिए बिल्डरों पर सख्ती करने के प्रस्ताव पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सहमति प्रदान कर दी है। अब विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी करने की तैयारी है।
इस नई प्रस्तावित व्यवस्था के तहत ऐसे बिल्डर जो प्रोजेक्ट की बजाय दूसरी जगह गरीबों के लिए आरक्षित आवासों का निर्माण कर देते हैं,लेकिन निर्माण पर छूट के सभी फायदे उठा लेते हैं। अब उन्हें अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र का निःशुल्क फायदा नहीं मिल सकेगा। फिलहाल प्रोजेक्ट में गरीबों के लिए आवास आरक्षित करने पर 0.75 बीएआर निःशुल्क मिलता हैं, लेकिन अब नियमों की पालना नहीं करने वालों को इसका फायदा नहीं मिल सकेगा। यह फायदा केवल उसी स्थिति में मिल सकेगा, जब प्रोजेक्ट से 800 मीटर की दूरी पर ही गरीबों के आवास आरक्षित किए जाए।
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