देश के इतिहास को बदलने का प्रयास है संसद का नया भवन : नीतीश

आजादी के समय जो भवन था उसी को विकसित करना था

देश के इतिहास को बदलने का प्रयास है संसद का नया भवन : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने संसद के नए भवन को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार के देश के इतिहास को बदलने का प्रयास करार दिया

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने संसद के नए भवन को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार के देश के इतिहास को बदलने का प्रयास करार दिया और कहा कि आजादी के समय जो भवन था उसी को और विकसित करना चाहिए था, अलग से नया बनाने का कोई मतलब नहीं है।

कुमार ने शनिवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि के अवसर पर यहां राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की उपस्थिति में पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान संसद के नये भवन के उद्घाटन के सवाल पर कहा कि नया भवन बनाने की क्या जरुरत थी। जब नई बिल्डिंग बनाने की बात हुई थी तो उस समय भी उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था। आजादी के समय जो बिल्डिंग थी उसी को और विकसित करना चाहिए था, अलग से नया बनाने का कोई मतलब नहीं है। देश के पुराने इतिहास को बदला जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद के नए भवन का राष्ट्रपति से उद्घाटन नहीं कराये जाने को पर अन्य पार्टियां इसका बहिष्कार कर रही हैं। जो पहले से भवन मौजूद था उसे ही विकसित करना चाहिए था। देश के इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता है। पुरानी चीजों को खत्म कर देने से इतिहास के बारे में कैसे पता चलेगा। आजकल जो शासन में हैं वो सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे। हमलोग एक-एक चीज मानते हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को श्रद्धांजलि देने हमलोग आते रहते हैं। जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु के समय हम स्कूल में पढ़ते थे। इनकी मृत्यु का समाचार सुनकर काफी खराब लगा था। हमलोग शुरु से इनको मानते रहे हैं। 

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