खाने-पीने की दूषित सामग्री से प्रदेश में हर सात में से एक नागरिक बीमार

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खाने-पीने की दूषित सामग्री से प्रदेश में हर सात में से एक नागरिक बीमार

प्रदेश में खाने-पीने की दूषित सामग्री से हर सात में से एक नागरिक बीमार हो रहा है। दुनिया में हर साल 60 करोड़ लोग दूषित खाने की वजह से बीमार होते हैं।

जयपुर। प्रदेश में खाने-पीने की दूषित सामग्री से हर सात में से एक नागरिक बीमार हो रहा है। दुनिया में हर साल 60 करोड़ लोग दूषित खाने की वजह से बीमार होते हैं। यानी हर 10 में से एक व्यक्ति जो बीमार होता है वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दूषित भोजन के सेवन से होता है। वहीं दुनियाभर में चार लाख से ज्यादा लोग दूषित खानपान के कारण मौत का शिकार हो जाते हैं। इनमें बच्चों की अच्छी खासी संख्या है। भारत में भी करोड़ों लोग इन्हीं वजहों से ही बीमार होते हैं। अगर हम राजस्थान की बात करें तो यहां आंकड़ा और भी चौंकाने वाला है।

विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश में हर सात में से एक व्यक्ति जो बीमार हो रहा है वो किसी ना किसी रूप में दूषित खानपान की वजह से है। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस की ओपीडी में 12 हजार मरीज रोजाना आते हैं। इनमें  800 से 1000 मरीज ऐसे होते हैं जो दूषित भोजन, पेय पदार्थ या खानपान की वजह से अलग-अलग बीमारी से ग्रस्त होते हैं। बच्चों के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में भी रोजाना 25 से 30 बच्चे दूषित खानपान से ग्रस्त होकर आते हैं। इनमें डायरिया, दस्त, दस्त में खून आना, टायफाइड, हैपेटाइटिस ए, कॉलरा, डिजेन्ट्री सहित अन्य बीमारियां शामिल हैं।

क्यों और कैसे हो जाते हैं बीमार?

खाद्य जनित बीमारियां अक्सर दूषित भोजन या पानी से होती हैं। इनके माध्यम से शरीर में बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थ प्रवेश कर जाते हैं, जो बीमारी का कारण होते हैं। गर्मियों के मौसम में फूड प्वाइजनिंग का खतरा ज्यादा रहता है। सड़कों पर खुलेआम थड़ी ठेलों और दुकानों पर मिल रहे खाद्य और पेय पदार्थां से फूड प्वाइजनिंग जनित बीमारियां, हैजा, पीलिया, टायफाइड बढ़ रहा हैं। इन जगहों पर स्वच्छता का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है। 

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