हिंदी में बात करने पर अमेरिकन कंपनी ने भारतीय को नौकरी से निकाला
मुकदमा दायर किया
मुकदमे में दावा किया गया कि दूसरे कर्मचारियों ने झूठी रिपोर्ट की कि वार्ष्णेय ने गोपनीय जानकारी का खुलासा कर सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है।
न्यूयॉर्क। एक भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर ने दावा किया है कि पिछले साल एक रिश्तेदार से फोन पर हिंदी में बात करने के कारण उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार अनिल वार्ष्णेय ने मिसाइल डिफेंस कांट्रेक्टर पार्सन्स कॉपोर्रेशन और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के खिलाफ कंपनी पर भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है। 2022 में भारत में अपने रिश्वतेदार के साथ लगभग दो मिनट तक टेलीफोन पर एक श्वेत सहकर्मी ने उन्हें हिंदी में बात करते हुए सुना, जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। मुकदमे में दावा किया गया कि दूसरे कर्मचारियों ने झूठी रिपोर्ट की कि वार्ष्णेय ने गोपनीय जानकारी का खुलासा कर सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है। वार्ष्णेय ने अपने मुकदमे में कहा कि कॉल पर उन्होंने कोई गोपनीय या वगीर्कृत जानकारी नहीं दी थी। उनके अनुसार जिस क्यूबिकल में उन्होंने वीडियो कॉल की थी, वह पूरी तरह से खाली था। वहां कोई कार्यालय सामग्री या दीवार पर लटकी हुई वस्तु नहीं थी, और किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी नहीं दी गई थी।
बीएचयू से पढ़े हैं वार्ष्णेय
अदालत में दायर जवाब में पार्सन्स ने अपनी ओर से किसी भी गलत काम से इनकार किया। मुकदमे के अनुसार, वार्ष्णेय के पास बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री है और 1968 में वह अमेरिका चले गए। उन्होंने जुलाई 2011 से अक्टूबर 2022 तक पार्सन्स के हंट्सविल कार्यालय में काम किया और उन्हें सिस्टम इंजीनियरिंग में कांट्रेक्टर ऑफ दी ईयर के रूप में सम्मानित किया गया। उन्हें भूमि-आधारित मिसाइल रक्षा कार्यक्रम पर 5 मिलियन डॉलर की बचत के लिए एमडीए अनुशंसा पत्र प्राप्त हुआ। एएल डॉट कॉम के अनुसार वार्ष्णेय ने मुकदमा में पूर्व स्थिति के बराबर पद पर बहाली और फाइल में किसी भी अनुशासनात्मक रिकॉर्ड को रद्द करने की मांग की है। अगर नौकरी के स्तर पर बहाल नहीं किया जाता है, तो वह लाभ सहित अग्रिम वेतन और मानसिक पीड़ा और भावनात्मक परेशानी के लिए क्षति के साथ ही अधिवक्ता की फीस चाहते हैं।
क्या कहा गया मुकदमे में
अलाबामा के उत्तरी जिले में दायर मुकदमे में कहा गया है, कॉल के प्रतिबंधित होने की कोई पॉलिसी नहीं थी। उन्होंने बिना जांच किए गंभीर सुरक्षा उल्लंघन का आरोप लगाते हुए वार्ष्णेय को बर्खास्त कर दिया। मुकदमे में कहा गया, इतना ही नहीं, कंपनी ने वार्ष्णेय को भविष्य के काम से ब्लैकलिस्ट कर दिया, जिससे उसका करियर और मिसाइल डिफेंस एजेंसी (एमडीए) और यूए सरकार की सेवा प्रभावी रूप से समाप्त हो गयी। वार्ष्णेय ने मिसाइल डिफेंस एजेंसी (एमडीए) में इंजीनियरिंग सहायता प्रदान की, जो बैलिस्टिक मिसाइल खतरों के खिलाफ अमेरिका और सहयोगी सहयोगी बलों की रक्षा करती है।
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