आखिरकार निजी फर्म ने शुरू किया यूडी टैक्स सर्वे व वसूली

निगम की बजट बोर्ड मीटिंग में निजी फर्म का ठेका निरस्त करने का निर्णय कागजों से नहीं निकला बाहर ,रांची की फर्म को मिला टेंडर, वसूली शुरू

आखिरकार निजी फर्म ने शुरू किया यूडी टैक्स सर्वे व वसूली

वर्ष 2005 के बाद से नया सर्वे नहीं हुआ था, लेकिन अब नगर निगम कोटा दक्षिण ने निजी फर्म के माध्यम से नगरीय कर वसूलने का टेंडर किया है। जिसका ठेका रांची की फर्म को मिला है। जिसने सर्वे के साथ ही वसूली भी शुरू कर दी है।

कोटा। नगर निगम कोटा दक्षिण की बोर्ड बैठक में यूडी टैक्स की वसूली निजी फर्म से नहीं कराने के निर्णय के बावजूद निजी फर्म ने वसूली शुरू कर दी है। इसके साथ निजी फर्म ने लगभग 15 वर्ष बाद  (यूडी टैक्स) सर्वे भी शुरू कर दिया है।  रांची की फर्म को नगर निगम कोटा दक्षिण ने वसूली का टेंडर दिया गया है। जिसने सर्वे के साथ ही वसूली भी शुरू कर दी है। शहर में व्यवसायिक व आवासीय भूखंडों से नगर निगम द्वारा हर साल नगरीय विकास कर वसूल किया जाता है। इसके लिए नगर निगम द्वारा मापदंड निर्धारित किए हुए हैं। उसके अनुसार ही नियमानुसार हर साल यूडी टैक्स की राशि संबंधित व्यक्ति को नगर निगम में जमा करवानी होती है। अभी तक नगर निगम द्वारा यह कर वर्ष 2005 में हुए सर्वे के आधार पर ही वसूल किया जा रहा था। वर्ष 2005 के बाद से नया सर्वे नहीं हुआ था, लेकिन अब नगर निगम कोटा दक्षिण ने निजी फर्म के माध्यम से नगरीय कर वसूलने का टेंडर किया है। जिसका ठेका रांची की फर्म को मिला है। नगर निगम ने उसे जनवरी में कार्यादेश भी जारी कर दिया है। जिसके बाद फर्म ने शहर में सर्वे तो शुरू कर ही दिया है। साथ ही उसके अनुसार कर भी वसूलना शुरू कर दिया है।

दो साल का दिया टेंडर
नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा रांची की फर्म को फिलहाल दो साल का टेंडर दिया है। हर साल 7 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया गया है। फर्म को 11 फीसदी कमीशन पर यह टेंडर दिया है। सूत्रों के अनुसार संबंधित फर्म ने कार्यादेश मिलते ही 27 जनवरी से काम भी शुरू कर दिया है। साथ ही 6 दिन में करीब 15 से 20 लाख रुपए कर भी वसूल कर लिया है। फर्म के शहर में 15 कर्मचारी काम कर रहे हैं। वे सर्वे के तुरंत बाद बिल बनाकर संबंधित व्यक्ति को दे रहे हैं। व्यक्ति  नगरीय विकास कर की राशि का चैक या डीडी से भुगतान कर रहा है। सूत्रों के अनुसार अभी तक फर्म द्वारा करीब 15 से 20 लाख रुपए टैक्स  वसूल भी कर लिया है। यह टैक्स नियमानुसार ही लिया जाएगा।

निगम का राजस्व अनुभाग नहीं कर पा रहा था लक्ष्य पूृरा
नगर निगम द्वारा हर साल बजट में नगरीय विकास कर वसूली का लक्ष्य तय किया जाता है। पिछले कई सालों से नगर निगम यह कर पूरा नहीं वसूल  पा रहा था। इसका कारण निगम के राजस्व अनुभाग के पास अधिकारी व कर्मचारियों की कमी होना बताया जा रहा था। हालत यह है कि चालू वित्तीय वर्ष में दोनों नगर निगमों में 12 करोड़ की एवज में 31 जनवरी तक मात्र 2.68 करोड़ रुपए ही नगरीय विकास कर वसूल किया जा सका है।

बजट की बोर्ड बैठक में हुआ विरोध, टेंडर निरस्त करने का निर्णय
नगर निगम कोटा दक्षिण की बजट बोर्ड बैठक 17 फरवरी को आयोजित की गई थी। जिसमें निजी फर्म द्वारा यूडी टैक्स वसूल करने का विरोध किया गया। जिसके बाद बैठक में सर्व सम्मति से यूडी टैक्स का टेंडर निरस्त करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन जब तक टेंडर निरस्त करने का निर्णय हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी थी। निगम ने संबंधित फर्म को कार्यादेश ही जारी कर दिया था।

कोटा उत्तर में टेंडर प्रक्रिया जारी
नगर निगम कोटा दक्षिण में तो यूडी टैक्स का टेंडर रांची की फर्म को दिया जा चुका है। जिसने काम भी शुरू कर दिया है। जबकि नगर निगम कोटा उत्तर में अभी तक यह फाइनल नहीं हुआ है। यहां यूृडी टैक्स अभी भी टेंडर प्रक्रिया में ही चल रहा है।

कोटा उत्तर ने बढ़ाया एक करोड़ का लक्ष्य
नगर निगम कोटा दक्षिण ने चालू वित्तीय वर्ष के समान ही आगामी वित्तीय वर्ष का नगरीय विकास कर लक्ष्य 7 करोड़ रुपए ही रखा है। जबकि नगर निगम कोटा उत्तर ने अपने चालू वित्तीय वर्ष के 5 करोड़ रुपए से एक करोड़ रुपए बढ़ाकर आगामी वित्त वर्ष का लक्ष्य 6 करोड़ रुपए कर दिया है।

इनका कहना है
पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण और राजस्व अनुभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते यूडी टैक्स का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा था। साथ ही सर्वे भी काफी पुराना हो गया था।  जोधपुर व उदयपुर की तर्ज पर ही कोटा में निजी फर्म को टेंडर दिया है। जिससे नए सिरे से सर्वे भी हो जाएगा। साथ ही संबंधित फर्म को नगरीय कर वसूल करने पर एक निर्धारित राशि का भुगतान किया जाएगा। ऐसे में फर्म द्वारा अधिक कमीशन के प्रयास में अधिक से अधिक नगरीय कर वसूल  किया जाएगा। जिससे नगर निगम को लाभ होगा और आय भी बढ़ेगी। टेंडर निरस्त करने का निर्णय बोर्ड बैठक में हुआ है उस पर विधिक राय ली जाएग़ी।
-कीर्ति राठौड़, आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण

निगम द्वारा यूडी टैक्स का टेंडर पहले ही किया जा चुका है। उसे निरस्त करने का निर्णय बोर्ड बैठक में सर्व सम्मति से बाद में लिया गया है। इस बारे में बोर्ड बैठक की प्रोसिडिंग आने के बाद ही पता चलेगा कि अधिकारियों ने क्या किया।
-राजीव अग्रवाल, महापौर, नगर निगम कोटा दक्षिण

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