पीएम आवास योजना ग्रामीण में सर्वेक्षण करने की प्रक्रिया शुरू, लाभार्थी खुद भी कर सकेंगे सर्वे
पात्र परिवारों के चिन्हीकरण में दस मापदंड़ों को भी जोड़ा है
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सर्वे करने के संबंध में आवासहीन पात्र परिवारों के चिन्हीकरण में दस मापदंड़ों को भी जोड़ा है।
जयपुर। पीएम आवास योजना ग्रामीण में वंचित लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने सभी जिलों में कलक्टरों के माध्यम से सर्वेक्षण कराकर लाभार्थियों के नाम जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अतिरिक्त पात्र परिवारों का आवास प्लस 2024 मोबाइल एप के जरिए सर्वेक्षण किया जाएगा। लाभार्थियों को मौका देने के लिए शर्तों में कुछ शिथिलता भी दी है,वहीं लाभार्थी खुद भी सर्वे कर एप पर जानकारी अपलोड़ कर आवास हासिल कर सकता है। सर्वे के लिए ग्राम पंचायतें सर्वेकर्ताओं को नियुक्त कर आवास प्लस 2024 मोबाइल एप पर रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और आवास सॉफ्ट पर रजिस्ट्रेशन पूरा होने की सहमति अपलोड होने की जानकारी देनी होगी। सर्वेकर्ताओं को ई-केवाईसी प्रमाणीकरण की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सर्वे करने के संबंध में आवासहीन पात्र परिवारों के चिन्हीकरण में दस मापदंड़ों को भी जोड़ा है।
11 मार्च तक करनी होगी प्रक्रिया पूरी
सर्वे की प्रक्रिया की अलग-अलग गतिवधियां 11 मार्च तक पूरी कर ली जाएंगी। इनमें नोडल अधिकारी, सर्वेकर्ता नियुक्ति, सर्वे शिविर,सर्वेक्षण सत्यापन, विशेष ग्रामसभा में पात्र परिवारों की सूची का अनुमोदन-प्रमाणीकरण, पंचायत समिति और जिला स्तर पर सूचियों का परीक्षण, अपीलेट कमेटी की मंजूरी से लेकर अंत में आवास सॉफ्ट पर अपलोड होने की प्रक्रिया शामिल है।
सर्वे में यह मापदंड भी होंगे शामिल
मोटर चलित तिपहिया या चौपहिया वाहन होने पर, मैकेनाईज्ड तिपहिया या चौपहिया वाहन कृषि उपकरण होने पर, किसान क्रेडिट कार्ड, क्रेडिट सीमा 50 हजार या उससे अधिक होने पर, परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी होने पर, परिवार के गैर कृषि उद्यमों का सरकार के साथ पंजीकृत होने पर, परिवार के किसी सदस्य की आय 15 हजार रुपए प्रति महीने से अधिक होने पर, आयकर दाता होने पर, व्यावसायिक करदाता होने पर, खुद की ढाई एकड़ या अधिक सिंचित भूमि होने पर और खुद की पांच एकड़ या अधिक असिंचित भूमि होने पर वे आवास के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा पांच मापंदडों को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। इनमें आवासहीन परिवार, बेसहारा या भीख मांगकर जीवन यापन करने वाला परिवार, हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजातीय समूह और वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूर शामिल हैं।
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