35वां राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह सुर संगम शुरू, अर्जुन राम मेघवाल ने समारोह का किया उद्घाटन

विभिन्न भागों से आई प्रतिभाओं ने किया अपने फन का प्रदर्शन

35वां राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह सुर संगम शुरू, अर्जुन राम मेघवाल ने समारोह का किया उद्घाटन

सुर संगम संस्थान का 35वां तीन दिवसीय राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह बुधवार को जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में शुरू हुआ

जयपुर। सुर संगम संस्थान का 35वां तीन दिवसीय राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह बुधवार को जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में शुरू हुआ। पहले दिन जयपुर, कोटा, वारणसी, रीवा, इंदौर और भरूच आदि शहरों से आई 30 प्रतिभाओं ने शास्त्रीय, उप शास्त्रीय, लोक और सुगम गायन में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। केन्द्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर अर्जुन राम ने वहां मौजूद जगजीत सिंह के भाई जसवंत सिंह को संबोधित करते हुए जगजीत सिंह के बीकानेर के साथ रहे संबंधों का भी जिक्र किया और वहां जगजीत सिंह की याद को स्थाई करने की दिशा में कार्य करने की इच्छा भी जाहिर की। उन्होंने इस कार्य के लिए जसवंत सिंह को अलग से मिलने का भी आह्वान किया। उन्होंने इस अवसर पर जगजीत सिंह की चर्चित गजल ‘होठों से छू लो तुम’ को तरन्नुम और भावों में डूबकर सुनाया तो संपूर्ण सभागार तालियों से गूंज गया। इससे पूर्व उन्होंने कबीर की भी कई रचनाएं गाकर अपनी सांगीतिक प्रतिभा को दर्शाया।

जो संगीत सीख लेता है वो तनाव से मुक्त रहता है
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संगीत में व्यक्ति को हर तनाव से मुक्त रखने की शक्ति है, जो व्यक्ति संगीत सीख लेता है वो हर तनाव से मुक्त रहता है। उन्होंने कहा कि संगीत एक मात्र ऐसी विधा है जिसमें सामाजिक समरसता मिलती है। मेघवाल ने कहा कि देश के युवाओं के भीतर अगर संगीत के भाव विकसित हो जाएं तो भारत को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता है।

इसके बाद समारोह की शुरूआत शास्त्रीय संगीत से हुई जिसमें प्रतिभागियों ने राग नट भैरव, मधुवंती, जयजयवंती और जोग सहित अनेक राग रागनियों के जरिए अपने सांगीतिक हुनर का प्रदर्शन किया। इसके बाद सभागार में उप शास्त्रीय गायन, लोक गीत और सुगम गायन की प्रतियोगिताएं हुईं। उप शास्त्रीय गायन में कलाकारों ने विभिन्न राग-रागनियों पर आधारित ठुमरी, कजरी और चैती जैसी मन भावन लोक उप शास्त्रीय विधाओं का प्रदर्शन किया। 

जवाहर कला केन्द्र की सहभागिता में कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित की जा रही इस अखिल भारतीय प्रतियोगिता के प्रतिभागियों के हुनर को मुंबई की प्रख्यात गायक पद्मश्री पिनाज़ मसानी, ध्रुवपद गायक दिल्ली के पद्मश्री उस्ताद वासीफुद्दीन डागर और उदयपुर के ग़ज़ल गायक डॉ. प्रेम भंडारी ने विभिन्न मानकों की कसौटी पर परखा और कई प्रतिभागियों से सवालात भी किए तथा कई दूसरी और रचनाएं प्रस्तुत करवाईं। सुर संगम संस्थान के अध्यक्ष के.सी मालू, सचिव मुकेश अग्रवाल ने निर्णायकों का बुके भेंट कर अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षाविद् आर.डी. अग्रवाल ने किया।

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