डेंगू मच्छर दिन में काट रहा, भगा रहे रात में
28 दिन में डेंगू के 275 व स्क्रब टायफस के 60 मरीज मिले
लोग मच्छरों के बचाव समय उचित समय पर नहीं कर रहे जिससे डेंगू की चपेट में ज्यादा आ रहे है।
कोटा। इस बार रूक रूक हो रही बारिश के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ गया है। शहर में जगह जगह बारिश का पानी मच्छर पनपा रहा है। जिससे डेंगू मलेरिया के मरीज लगातार बढ़ रहे है। पिछले 28 दिन में 275 डेंगू व 60 स्क्रबटायफस मरीज आ चुके है। डेंगू इतना घातक हो रहा है कि शहर में दो लोगों को ब्रेन हेमरेज हो गया है। वहीं डेंगू से एक की मौत हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों से बारिश का दौर थमते ही शहर में डेंगू के मच्छरों ने हमला बोलना शुरू कर कर दिया है। सरकारी से लेकर निजी अस्पताल में मच्छर जनित रोगों के मरीजों का लगातार अस्पताल में पहुंचना जारी है। शहर में चलाए जा रही एंटी लार्वा गतिविधियों बाद भी डेंगू पैर पसार रहा है। शहर में मौसमी एवं मच्छर जनित बीमारियों मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से मच्छरों की रोकथाम की गतिविधियां लगातार की जा रही लेकिन लार्वा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। लोग मच्छरों के बचाव समय उचित समय पर नहीं कर रहे जिससे डेंगू की चपेट में ज्यादा आ रहे है।
कूलर में पनप रहा लार्वा
मेडिकल अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. मनोज सलूजा ने बताया कि इस बार बारिश रूक रूक होने से खाली प्लांट, घरों के आसपास पानी जमा हो गया। इस बार बारिश के बाद भी कुलर चल रहे है।लोग कुलर पानी खाली नहीं करते ऐसे में लार्वा पनप रहा है। डेंगू फैलने का दूसरा सबसे बड़ा कारण डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। लोग इसके बचाव के उपचार रात में करते है। दिन के समय लोग घरों में बरबूडा, बनियान टी शर्ट में रहते इस दौरान ही मच्छर काट लेता है। लोग रात को सोते समय मच्छर भगाने की कॉयल, आॅडोमास और मच्छरदानी लगते है। जबकि डेंगू के शिकार तो सबसे ज्यादा दिन में ही होते है। इसलिए दिन में भी मच्छरों से बचाव का उपाय करना जरूरी है। घरों के आसपास पानी जमा नहीं होने दे।
डेंगू से बचाव के लिए दो स्तर पर करना होगा काम
डॉ. मनोज सलूजा ने बताया कि डेंगू के मच्छर से बचने के लिए दो स्तर पर लोगों को काम करना होगा। पहला तो जो वयस्क मच्छर पनप चुके उनकी फोगिंग और अन्य संसाधनों से इनको नष्ट करें। दूसरा डेंगू का मच्छर हमें नहीं काटे इसके लिए पूरी आस्तिन के शर्ट पहने, शरीर को पूरा ढक रखे। दूसरा मच्छर भगाने ने वाली कॉयल अगरबत्ती का प्रयोग दिन में करें। स्कूल, कार्यस्थल पर दिन में बचाव के करें। दूसरा लार्वा की रोकथाम के लिए कूलर को एक बार खाली करके उसमें क्रूड आयल डाले। जिससे मच्छर का लार्वा नष्ट हो जाएगा। पानी जहां पानी जमा उसको खाली करें।
आठ माह में 275 मरीज
कोटा शहर में 1 अगस्त से 28 अगस्त तक डेंगू के 275 मरीज आ चुके है। ये तो वो मरीज है जो सरकारी अस्पतालों में पहुंचे। निजी में भर्ती और इलाज करा रहे मरीजों की संख्या तो इससे दुगुनी है।
तलवंडी क्षेत्र में सबसे ज्यादा आ रहे डेंगू के मरीज
शहर में लंबे समय से बारिश नहीं होने से जमा पानी में मच्छर पनप रहे है। शहर के तलवंडी, जवाहरनगर, महावीर नगर, इंदिरा विहार, तलवंडी सेक्टर 1, 2, 3, 4 तथा महावीर नगर सैकंड में लगातार डेंगू के मरीज आ रहे हैं। मलेरिया, डेंगू एवं मौसम जनित बीमारियों से बचाव के लिए सावधनी बरतें तथा निवास स्थान पर स्थित कूलर, पानी की टंकियों में मच्छर पनपने की संभावना रहती है।
लगातार करा रहे मॉनिटरिंग
मौसमी बीमारियों को लेकर एंटी लार्वा गतिविधियां और घर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। मरीजों को चिहिंत कर उनके ब्लड की स्लाइड ली जा रही है। कुलर पानी की टंकियों में पनप रहे लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। डॉ एनएस राजावत, डॉ. अनिल मीना, एपिडेमियोलॉजिस्ट डा.ॅ विनोद प्रभाकर, एनटीपीसी के अमित शर्मा की टीम सुपरविजन कर रहे है।
- जगदीश कुमार सोनी, सीएमएचओ कोटा
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