संघर्ष के बिना महिलाएं समाज में परिवर्तन नहीं ला सकती: वसुंधरा राजे
पूर्व सीएम ने कहा एक समय महिलायें घर के आँगन की तुलसी थी। उनका बाहर की दुनियां के बारे सोचना आसान नहीं था,पर घर की यह तुलसी नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बाद पूरे जग में ख़ुशबू फैलाने को तैयार है।
जयपुर। पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने कहा है कि आज हर तरफ़ महिलाओं के अपमान की खबरें सुनाई दे रही है।एक दिन में 20-20 महिला अत्याचार।कदम-कदम पर मातृशक्ति का अपमान। महिलाओं से दुष्कर्म के क़रीब 1400 प्रकरण लम्बित। हालात इतने ख़राब कि इनसे निपटने के लिए अब मातृशक्ति को आगे आना होगा। अनादिकाल से ही महिलाओं को शारीरिक ही नहीं,मानसिक प्रताड़ना भी सहन करनी पड़ रही है,पर सहन करने की भी एक सीमा होती है।
वे रामलीला मैदान में धर्म रक्षा समिति द्वारा आयोजित मातृशक्ति समागम कार्यक्रम में बोल रही थी।उन्होंने कहा जब-जब भी अत्याचार और अन्याय की पराकाष्ठा हुई मातृशक्ति को आगे आना पड़ा। देवता असहाय हुए तो माँ देवी ने ही महिषासुरमर्दनी के रूप में महिषासुर का अंत किया। महिलायें अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए चण्डी का रूप धारण कर लेती हैं क्योंकि संघर्ष के बिना महिलायें समाज में परिवर्तन नहीं ला सकती।
पूर्व सीएम ने कहा एक समय महिलायें घर के आँगन की तुलसी थी। उनका बाहर की दुनियां के बारे सोचना आसान नहीं था,पर घर की यह तुलसी नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बाद पूरे जग में ख़ुशबू फैलाने को तैयार है।यह संभव किया पीएम नरेंद्र मोदी ने।इसके लिए उनका आभार।उन्होंने कहा हमारी भाजपा सरकार ने आरक्षण दिया तो आज प्रदेश में ज़िला प्रमुख,प्रधान और सरपंच पचास फ़ीसदी महिलायें है।प्रदेश की विधानसभा में पहली बार 2 महिला विधायक थी,आज 24 है। महिला आरक्षण के बाद 66 हो जायेंगी। पहली लोकसभा में 22 महिला सांसद थीं, आज 66 हैं जो महिला आरक्षण के बाद 181 हो जायेंगी।
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