
अब कोटा के कोचिंग संस्थान नौंवी से पहले स्टूडेंट को प्रवेश नहीं दे सकेंगे: कलक्टर
वर्तमान में स्टूडेंट्स चाहें तो शेष अवधि की फीस कोचिंग को लौटानी पड़ेगी
कोचिंग संस्थानों से गाइड लाइन की सख्ती से पालना करने को कहा है।
कोटा। शिक्षा नगरी कोटा में अब नौंवी कक्षा से पहले स्टूडेंट को कोचिंग में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जो स्टूडेंट कोचिंग में अभी पंजीकृत हैं और वह कोचिंग छोड़ना चाहते हैं तो कोचिंग संस्थान को उन्हें शेष अवधि की फीस लौटानी पड़ेगी। यह बात जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने नवज्योति के साथ बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मीटिंग के बाद जारी गाइडलाइन सभी कोचिंग संस्थानों में भेज दी गई है। कोचिंग संस्थानों से गाइडलाइन की सख्ती से पालना करने को कहा है।
- नवज्योति- कोटा के कोचिंग में नौंवी से पहले के जो स्टूडेंट वर्तमान में पढ़ रहे हैं उनको लेकर क्या निर्णय रहेगा।
कलक्टर- हमने गाइडलाइन सभी को भेज दी है। गाइडलाइन की पालना करवाई जाएगी। कोटा में कोचिंग वालों का कहना है कि नवीं से पहले कोचिंग नहीं पढ़ाई जाती है। जो पढ़ाते हैं वह बंद कर देंगे। नवीं से पहले के स्टूडेंट स्कूल में ही पढ़ते हैं। यह कंपोजिट स्कूल हैं। उन्हीं में इन्हें पढ़ाया जाता है।
- नवज्योति- वर्तमान में नौंवी में कोचिंग में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को क्या तुरन्त हटा दिया जाएगा।
कलक्टर- गाइडलाइन में इस संबंध में कहा गया है कि नौंवी से पहले के स्टूडेंट को कोचिंग में प्रवेश को प्रोत्साहित नहीं किया जाए। स्टूडेंट को प्रोत्साहित करने का काम अभिभावक ही करते हैं।
- नवज्योति- वर्तमान में नौंवीं से पहले के कोचिंग स्टूडेंट कोचिंग छोडना चाहेंगे तो उनका क्या करेंगे।
कलक्टर- गाइडलाइन के अनुसार ऐसे स्टूडेंट यदि कोचिंग छोडना चाहते हैं तो उन्हें शेष रहे समय की फीस कोचिंग संस्थान को लौटानी पड़ेगी।
- नवज्योति - गइडलाइन कब से जारी मानी जाएगी।
कलक्टर- कल सीएस के साथ मीटिंग में यह गाइडलाइन जारी कर दी गई थी। सभी जिला कलक्टर और एसपी को यह लागू करवाने को कहा है। हमने जिला स्तरीय कमेटी को निर्देशित कर दिया है। कोचिंग संस्थानों को भेज दिया है। इस पर कार्य शुरू हो गया है।
- नवज्योति- गाइडलाइन के अन्य बिन्दु क्या हैं।
कलक्टर- मुख्य रूप पढ़ाई में तनाव कम करने और बच्चें का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने से संबंधित बिंदु हैं।
यह हैं गाइडलाइन के अन्य मुख्य बिंदु
- कोचिंग संस्थान असेसमेंट रिजल्ट सार्वजनिक नहीं करेंगे
- बच्चें को सप्ताह में डेढ़ दिन का साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा।
- बच्चें में तनाव रोकने के लिए हरसंभव उपाए किए जाएंगे
- निर्देशों की पालना कराने की जिम्मेदारी जिला कलक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक की रहेगी
पढ़ाई के बोझ की वजह से किसी बच्चे की जान ना जाए
मुख्य सचिव ने गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में अध्यनरत विद्यार्थियों में तनाव कम करने एवं उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए दिशा-निर्देश 2023 की अनुपालना में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने कहा कि बच्चों में पढ़ाई के अवांछित तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि बच्चे हताश और निराश होकर गलत कदम ना उठा लें। बच्चे अपने उम्र के बहुत ही नाजुक दौर में अपने माता-पिता से दूर कोचिंग में पढ़ने आ जाते हैं, जहां उन्हें गला काट प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। कोचिंग संस्थानों ने भी अपनी सफलता दर बढ़ाने के लिए बच्चों को इस अंधी दौड़ में धकेल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारी धरोहर हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि पढ़ाई के बोझ की वजह से किसी बच्चे की जान ना जाए।
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