मेयर और 3 पार्षदों के निलंबन का मामला: BJP ने बताया सुनियोजित साजिश, कल प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन

मेयर और 3 पार्षदों के निलंबन का मामला: BJP ने बताया सुनियोजित साजिश, कल प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन

आयुक्त से हाथापाई मामले में जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर और 3 बीजेपी पार्षदों के निलंबन के मुद्दे पर बीजेपी ने एकजुट होकर कांग्रेस सरकार को घेरने का फैसला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेताओं ने मेयर-पार्षदों के निलंबन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

जयपुर। आयुक्त से हाथापाई मामले में जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर और 3 बीजेपी पार्षदों के निलंबन के मुद्दे पर बीजेपी ने एकजुट होकर कांग्रेस सरकार को घेरने का फैसला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेताओं ने मेयर-पार्षदों के निलंबन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मेयर सौम्या गुर्जर एवं तीन पार्षदों को निलंबित करने के मामले में कांग्रेस पर सुनियोजित साजिश करने का आरोप लगाते हुए इसे राज्य सरकार का तानाशाही एवं अलोकतांत्रिक कदम करार दिया है। पूनिया ने कहा कि भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इसे लेकर मंगलवार को कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना एवं प्रदर्शन करेगी।

उन्होंने इसे कांग्रेस सरकार का काला फैसला बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा निर्वाचित महापौर को इस तरह निलंबित करना, यह राजस्थान का पहला मामला है। यह तो पता था कि कांग्रेस प्रतिशोध करती है लेकिन निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि को इस तरह अपमानित करना, यह पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की सुनियोजित साजिश थी। जयपुर में भाजपा को जनता का बड़ा समर्थन मिलने के बाद कांग्रेस को जयपुर ग्रेटर निगम में हार का इतना मलाल था। इसको लेकर पहले कमेटियों और फिर बजट को लेकर भेदभाव किया। पूनिया ने राज्य में सामूहिक दुष्कर्म जैसे अपराधों में तो अपराधी पकड़ा नहीं जाता और सामान्य वाद विवाद के मामले में इस तरह की कार्रवाई करना सरकार का यह तानाशाहपूर्ण रवैया हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामले प्रदेश में बीकानेर एवं जोधपुर में भी हुए, लेकिन जहां नगरपालिका में कांग्रेस का बोर्ड था वहां कार्रवाई लंबित हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इसे लेकर कानूनी लड़ाई तो लड़ेगी लेकिन इससे पहले आज शाम 5 बजे जयपुर में सभी 250 वार्डों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को प्रदेशभर में कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए मंडलों पर प्रदर्शनकर विरोध जताया जाएगा। इसके बाद कोरोना की सामान्य स्थिति होने पर इस मुद्दे को लेकर भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करेगी और बड़ा प्रदर्शन किया जायेगा।

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट करके मेयर और पार्षदों के निंलबन की कार्यवाही पर सवाल उठाए। राजे ने लिखा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुन कर आई जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर का निलंबन निंदनीय है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सरकार को कम से कम एक बार कानून जरूर पढ़ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक उच्च स्तर के अधिकारी की जांच एक निचले स्तर का आरएएस अधिकारी कैसे कर सकता है। सरकार ने मेयर और सीईओ के मामले में एक आरएएस अधिकारी से जांच करा ली। उसमें भी अधिकारी ने केवल एक पक्ष सुना। कानून व्यवस्था में एक हत्या करने वाले व्यक्ति को भी उसका पक्ष रखने का मौका दिया जाता है। उन्होंने उदयपुर के बड़ी सादड़ी में नगर पालिका चेयरमैन को रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़े जाने के बावजूद अब तक कार्रवाई नहीं करने का मामला उठाया और कहा कि क्योंकि वह कांग्रेस का कार्य करता है इसलिए अभी तक उसे पकड़ा नहीं गया है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मेयर और तीन पार्षदों को हटाने की कार्रवाई को जनमत का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। शेखावत ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर राजनीतिक द्वेष की पराकाष्ठा पर उतर आए हैं। राज्य सरकार ने ग्रेटर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर और पार्षद पारस जैन, अजय सिंह चौहान और शंकर शर्मा को एकतरफा कार्रवाई में निलंबित कर दिया है। उनहोंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इस तरह सस्पेंड नहीं किया जा सकता। विशेषकर तब जब उनका पक्ष नहीं सुना गया हो और मामले का सच सामने न आया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जयपुर में फैली सरकारी अव्यवस्था से ध्यान हटाने की कोशिश है। शेखावत ने कहा कि पिछले साल गहलोत साहब लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रहे थे और आज उसी लोकतंत्र की हत्या भी कर दी।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) में प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग कर आरोप पत्र जारी करने से पहले ही निलंबन का यह पहला मामला है। कांग्रेस सरकार लोकतंत्र की धुरी 'स्थानीय निकायों' को समाप्त करने के लिए अबोध शस्त्र हाथ में ले रही है, जो इन्हीं के लिए मारक सिद्ध होगा। भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने भी कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का शासन हमेशा से ही अलोकतांत्रिक रहा है। इस देश के अंदर आपातकाल भी कांग्रेस पार्टी की ही देन है। जिस तरीके से एक जूनियर अफसर को सीनियर अफसर की जांच देकर जयपुर ग्रेटर की मेयर को आधी रात को अलोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाते हुए निलंबित किया गया है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता इसको लेकर न्यायालय के अंदर भी लड़ाई लड़ेगा। साथ ही कांग्रेस को जनता के अंदर ही बेनकाब करने का काम भाजपा द्वारा किया जाएगा। 

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