आदिवासी पार्टी ने बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में कांग्रेस की बढ़ाई चिंता 

आदिवासी पार्टी ने बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में कांग्रेस की बढ़ाई चिंता 

राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र में इस चुनाव में उदय हुई भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने आदिवासी सीटों पर सत्ताधारी पार्टी की चिंता सबसे ज्यादा बढ़ाई है।

जयपुर। राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र में इस चुनाव में उदय हुई भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने आदिवासी सीटों पर सत्ताधारी पार्टी की चिंता सबसे ज्यादा बढ़ाई है। आदिवासी बाहुल्य सीटों पर बीटीपी और बाप कांग्रेस और भाजपा को 12 सीटों पर चुनौती दे रही है। आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ की करीब 28 सीटें शामिल हैं। आदिवासी क्षेत्र की 28 सीटों में उदयपुर की आठ, राजसमंद की चार, चित्तौड़गढ़ की पांच, प्रतापगढ़ की दो, बांसवाड़ा की पांच और डूंगरपुर की चार सीटें मानी जाती हैं। इसमें उदयपुर में पांच, डूंगरपुर में चार, प्रतापगढ़ में दो, बांसवाड़ा में पांच सीटें एसटी और चित्तौड़गढ़ की एक सीट एससी के लिए रिजर्व है। इन आदिवासी सीटों में गहलोत सरकार में महेन्द्रजीत मालवीय और अर्जुनलाल बामनिया मंत्री हैं तो गणेश घोगरा राजस्थान युवा कांग्रेस का अध्यक्ष रहे हैं। आदिवासी रिजर्व आठ जिलों में एसटी की आबादी करीब 46 लाख मानी जाती है।

शानदार वोटिंग से बढ़ी कांग्रेस की चिंता 
आदिवासियों को रिझाने के लिए कांग्रेस ने इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी। राहुल गांधी की सभाएं हुई तो सीएम अशोक गहलोत ने भी बेणेश्वर धाम के लिए खजाना खोल दिया। विधानसभा चुनाव में आदिवासी क्षेत्रों में बढ़े मतदान प्रतिशत को लेकर कांग्रेस थिंक टैंक कुछ आशंकित भी नजर आ रहे हैं, क्योंकि बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत आदिवासी पार्टी की तरफ झुका तो पार्टी प्रत्याशियों की जीत पर संकट के बादल छा सकते हैं। 

इन जिलों में सबसे ज्यादा परेशानी
दक्षिणी राजस्थान में आदिवासी समुदाय बाहुल्य चार जिलों में बीटीपी से अलग होकर चुनाव से ठीक पहले भारत आदिवासी पार्टी बनी। बीएपी ने विधानसभा चुनाव में बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतागपढ़ जिले में कांग्रेस के भी समीकरण गड़बड़ा दिए हैं। बीएपी ने बांसवाड़ा जिले में घाटोल, बागीदौरा, डूंगरपुर जिले में चौरासी, आसपुर और सागवाड़ा सीट और प्रतापगढ़ जिले में धरियावद में प्रत्याशी खड़े कर चुनौती खड़ी की है। बांसवाड़ा के गढ़ी और सलूम्बर में भी बीएपी उम्मीदवार टक्कर दे रहे हैं। मतदान प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद संकेत में सामने आ रहा है कि बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर ग्रामीण की एक दर्जन सीटों पर बीएपी उम्मीदवारों की टक्कर बनी हुई है। कांग्रेस के मंत्री मालवीय और बामनिया तक को टक्कर मिल रही है। उदयपुर जिले में झाडोल, खेरवाड़ा सीट पर भी चुनौती देखते हुए सर्वाधिक बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में चुनौती सामने आ रही है। 

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