पिछड़े-अतिपिछड़ों के विरोध में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रही केंद्र सरकार : जदयू

पिछड़े-अतिपिछड़ों के विरोध में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रही केंद्र सरकार : जदयू

रंजन ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा देने के नियमों के मुताबिक यदि किसी राज्य की सीमा से कोई देश की सीमा लगती है तो उसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है।

पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी बताया और कहा कि यही वजह है वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रही है।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने बिहार के पिछड़े-अतिपिछड़े और दलित समाज के विकास के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को बेहद जरूरी बताते हुए मंगलवार को कहा कि जातिगत गणना के नतीजों से यह साफ़ हो गया है कि बिहार में पिछड़े-अतिपिछड़े और दलित समाज के लोग सर्वाधिक हैं। जाहिर है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर राज्य की कुल जनसख्या में लगभग 80 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले इन्हीं लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। यह समाज तेजी से प्रगति करेंगे और इनके माथे से गरीबी का ठप्पा हट जाएगा लेकिन इस समाज के लोगों को बंधुआ मजदूर समझने वाली भाजपा इनकी प्रगति की बात सोच भी नहीं सकती। यही वजह है कि यह लोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना कर रहे हैं। 

रंजन ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा देने के नियमों के मुताबिक यदि किसी राज्य की सीमा से कोई देश की सीमा लगती है तो उसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। इसी तरह आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य को भी विशेष राज्य का दर्जा देने की बात नियमों में कही गयी है। बिहार दोनों मानकों को पूरा करता है। 

जदयू महासचिव ने कहा कि बिहार की सीमा से नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा भी लगती है वहीं हालिया रिपोर्ट के मुताबिक आजादी के 75 वर्षों बाद भी बिहार में 34 प्रतिशत लोगों की सालाना आय 6000 रुपये से भी कम है। उन्होंने कहा कि रघुराम राजन रिपोर्ट में भी बिहार को सबसे कम विकसित प्रदेशों की श्रेणी में रखा गया था। इसके बाद भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देना भाजपा की केंद्र सरकार के बिहार के प्रति सौतेले व्यवहार का जीवंत प्रमाण है।

Read More चलती ट्रेन से पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, देवरिया में जमीन धोखाधड़ी मामले में हुई कार्रवाई

रंजन ने कहा कि वर्तमान में 11 राज्यों को विशेष राज्य की श्रेणी में रखा गया है, जिनमें पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड और हिमाचल को भी विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में भाजपा को बताना चाहिए कि बिहार को इससे वंचित क्यों रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में चाहे जातिगत गणना हो, आरक्षण हो या विशेष राज्य का दर्जा भाजपा वैसे किसी भी काम का समर्थन नहीं कर सकती जिससे पिछड़े-अतिपिछड़े व दलित समाज को फायदा मिले। आज भी भाजपा की निगाह में इस समाज के लोगों का वजूद वोट बैंक से अधिक नहीं है। भाजपा यह जान ले कि विशेष राज्य का दर्जा बिहार का हक है और बिहारवासी इसकी मांग को बुलंद करते रहेंगे।

Read More वीजा उल्लंघन के आरोप में चीनी नागरिक हिरासत में, कश्मीर से दिल्ली भेजा गया

Tags: JDU bihar

Post Comment

Comment List

Latest News

पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़ पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़
ब्राजील के गुआइबा शहर में सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान लगभग...
नेशनल हेराल्ड मामला: अदालत ने गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने से किया इनकार
UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
सोनिया गांधी ने उठाया संसद में महिला कर्मियों का मुद्दा, मानदेय बढाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग की
ग्लोबल वायदा बाजार की नरमी के असर : दोनों कीमती धातुओं में गिरावट, जानें क्या है भाव
विपक्ष के विरोध के बीच "बीमा विधि संशोधन विधेयक-2025" लोकसभा में पेश