जियाहेड़ी-डोबरली सड़क मार्ग पर मंडरा रहा हादसों का खतरा
बबूल की कंटीली झाड़ियों ने बढ़ाई आमजन तथा वाहन चालकों की परेशानी
लगातार सड़क मार्ग पर राहगीर हादसे का शिकार होने को मजबूर हैं।
बूढ़ादीत। ग्राम पंचायत बूढादीत व खेड़ली तंवरान ग्राम पंचायत क्षेत्र में जियाहेडी-डोबरली सड़क मार्ग पर उग रहे बबूल के पेड़ से राहगीरों को हादसों का शिकार होना पड़ रहा है। राहगीरों व वाहन चालकों ने बताया कि इस सड़क मार्ग पर ग्राम पंचायत व प्रशासन की लगातार अनदेखी के चलते झाड़ों व बंबूलों की कटाई व सफाई नहीं होने से राहगीर व स्कूली बच्चे हादसों के शिकार होने को मजबूर हैं। ग्रामीण विनोद गुर्जर ने बताया कि उन्होंने कई बार इस समस्या से सार्वजनिक निर्माण विभाग व ग्राम पंचायत प्रशासन को अवगत करवाया। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। लगातार सड़क मार्ग पर राहगीर हादसे का शिकार होने को मजबूर हैं।
घुमाव पर होती है परेशानी
वाहन चालकों ने बताया कि इस सड़क मार्ग पर बबूल के पेड़ के कारण सामने से आ रहा वाहन दिखाई नहीं देता। घुमाव पर यह समस्या काफी बढ़ जाती है। घुमाव पर बबूल के पेड़ के कारण सामने से आ रहा वाहन दिखाई नहीं देता। इस कारण कई बार वाहन चालक हादसों का शिकार होते रहते हैं। अगर शीघ्र ही बबूल के पेड़ की कटाई व सफाई नहीं हुई तो ये बबूल पूरी सड़क को घेर लेंगे। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
आए दिन इस सड़क मार्ग से गुजरते हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। हम परेशान हो गए हैं। प्रशासन से गुहार लगाते-लगाते आमजन दुखी हो चुके हैं। कोई सुनवाई नहीं करता।
- महेंद्र गोचर, ग्रामीण
कई बार इस समस्या से सार्वजनिक निर्माण विभाग व ग्राम पंचायत प्रशासन को अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। घुमाव पर वाहन चलाना जान जोखिम में डालने के बराबर है। इस सड़क मार्ग से स्कूली बच्चे भी आते-जाते हैं। जिनको हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है।
- विनोद गुर्जर, ग्रामीण
उक्त सड़क मार्ग की समस्या पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आता है। ग्राम पंचायत द्वारा भी पीडब्ल्यूडी विभाग को अवगत करवा दिया गया है। आमजन को भारी समस्या हो रही है। इसका समाधान होना चाहिए।
- मुरली वैष्णव, ग्राम विकास अधिकारी
बूढ़ादीत से डोबरली सड़क मार्ग सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन है। इस सड़क मार्ग पर जंगली बंबूलों की शीघ्र ही कटाई व साफ-सफाई करवा दी जाएगी।
- लक्ष्मी नारायण मीणा, एईएन, पीडब्ल्यूडी
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