आरती के लिए 600 किलो घी के बाद अब भेजी रामनाम लिखी 1200 पगड़ी
पगड़ी महोत्सव में आने वाले अतिथियों को पहनाई जाएगी
जोधपुर धार्मिक नगरी के रूप में भी विश्वभर में अपनी विशेष पहचान बना रही हैं। सूर्यनगरी में इन दिनों प्रभु श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर विशेष हवन यज्ञ चल रहा है।
नवज्योति/जोधपुर। राजस्थान की सांस्कृतिक और न्यायिक राजधानी के साथ ही अब जोधपुर धार्मिक नगरी के रूप में भी विश्वभर में अपनी विशेष पहचान बना रही हैं। सूर्यनगरी में इन दिनों प्रभु श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर विशेष हवन यज्ञ चल रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा शुरू होने से पहले जोधपुर में 121 कुंडी हवन यज्ञ का अनुष्ठान शुरू हुआ है। जोधपुर से कुछ दिनों पूर्व भगवान राम की महाआरती के लिए 600 किलो शुद्ध देसी घी भेजा गया था। वहीं प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव से पूर्व जोधपुर से रामनाम लिखी 1200 पगड़ी अयोध्या भेजी हैं। ये पगड़ी महोत्सव में आने वाले अतिथियों को पहनाई जाएगी।
मंदिर निर्माण से लेकर महोत्सव तक हर क्षेत्र में जोधपुर का योगदान
राम मंदिर का जोधपुर से पुराना नाता है, जोधपुर से पहले मंदिर निर्माण के लिए पत्थर गए थे। उसके बाद जोधपुर की सांदीपनि गौशाला से 600 किलो गाय का देसी घी पूजा के लिए भेजा था, अब एक और खास उपहार 1200 श्रीराम नाम लिखी पगड़ी शनिवार को जोधपुर से रवाना हुई। जो अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आने वाले मेहमानों को पहनाई जाएगी। भगवान श्रीराम का नाम सिर माथे पर दिखें इसलिए पगड़ी खासतौर से जय श्री राम की भगवा रंग की बनवाई गई है।
अभी चल रहा 121 कुंडीय हवन
जोधपुर की संदीपनी गौशाला के धमार्चार्य महाराज ने बताया, भगवान श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ उत्तर प्रदेश में धार्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं। उसी तरह जोधपुर में 121 कुंडीय यज्ञ का आयोजन चल रहा है। इस ऐतिहासिक समय को और खूबसूरत बनाने के लिए मैंने मारवाड़ के आन बान शान की निशानी पगड़ी को पसंद किया है।
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