जटिल सर्जरी कर बचाई 90 वर्षीय महिला की जान
25 वर्षीय युवक को भी दिया नया जीवन, निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने किए सफल केस
सर्जरी की सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए हमने उनकी धड़कते दिल में बायपास सर्जरी की। पांच घंटे सर्जरी चली सर्जरी के बाद महिला की काफी तेज रिकवरी हुई और पांचवें दिन में ही उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। 90 वर्ष की उम्रदराज महिला की बायपास सर्जरी हो या फिर 25 साल के युवा को हाथ कटने की नौबत से बचाना जयपुर के निजी अस्पताल की कार्डियक सर्जरी टीम ने हाल ही में कुछ जटिल केस शॉल्व कर ऐसे कई लोगों को नया जीवन दिया है। डायरेक्टर सीटीवीएस एंड सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. विक्रम गोयल ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ निवासी 90 वर्षीय महिला को पिछले कुछ दिन से छाती में दर्द था। उन्हें डायबिटीज और हाइपरटेंशन भी था। जब उनकी एंजियोग्राफी की गई तो उसमें इनके हार्ट की तीनों आर्टरी में कैल्सिफाइड ब्लॉकेज था। ऐसे में इन्हें स्टेंट भी नहीं लग सकता था। सर्जरी की सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए हमने उनकी धड़कते दिल में बायपास सर्जरी की। पांच घंटे सर्जरी चली सर्जरी के बाद महिला की काफी तेज रिकवरी हुई और पांचवें दिन में ही उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया।
थोरेसिक आउटलेट सिंड्रोम के कारण काटना पड़ता हाथ
डॉ. गोयल ने बताया कि 25 साल के युवक की मुख्य धमनी कॉलर बोन से दबी हुई थी, जिसके कारण हाथ में जाने वाली सभी नसें पूरी तरह ब्लॉक हो गई थी। अगर इसका इलाज न करते तो कंधे से हाथ काटना पड़ता। डॉ. विक्रम ने बताया कि सबसे पहले हमने मुख्य धामनी दबाने वाली हड्डी को हटाया। उससे रक्त प्रवाह तो चालू हुआ, लेकिन हाथ में जगह-जगह ब्लॉकेज होने से रक्त प्रवाह नहीं हो रहा था। इसके लिए हार्ट से ब्रेन तक खून पहुंचाने वाली कैरोटिड आर्टरी से एक्सीलरी आर्टरी तक एक बायपास सर्जरी की, जिससे खून पहुंचने लगा। कोहनी तक फिर रक्त प्रवाह अटक गया तो वहां पांव की नस निकाल कर वहां एंडोवैस्कुलर रिपेयर किया था। सर्जरी के बाद हाथ पूरी तरह से काम कर रहा है। इस सर्जरी में छह से सात घंटे लगे और तीन से चार दिन में उनकी रिकवरी हो गई।
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