सौर ऊर्जा हब बनने की ओर अग्रसर राजस्थान

सौर ऊर्जा हब बनने की ओर अग्रसर राजस्थान

राजस्थान अब देश के सबसे बड़े सोलर हब के रूप में विकसित हो रहा है। इस मरुभूमि की प्राकृतिक जलवायु हमेशा ही नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयुक्त रही है।

राजस्थान अब देश के सबसे बड़े सोलर हब के रूप में विकसित हो रहा है। इस मरुभूमि की प्राकृतिक जलवायु हमेशा ही नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयुक्त रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ नवाचार के जरिए सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा सहित अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया है। नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे के समर्थन के अलावा, कई रियायतें भी दी हैं, साथ ही पीक अवधि के दौरान बिजली उपयोग को कम करने या स्थानांतरित करके इलेक्ट्रिक ग्रिड के संचालन में उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर भी दिया है। भारत ने नवम्बर 2021 में संयुक्त राष्टÑ फ्रे मवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) में वादा किया था कि वह 2030 तक अपनी 50 फीसदी बिजली की जरूरत गैर-जीवाश्म स्रोतों से पूरी करेगा और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। अब केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने जानकारी दी है कि भारत 2030 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों का 65 फीसद (50 फीसद के वादे से ज्यादा) गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त करने में सक्षम होगा। इस उपलब्धि में राजस्थान की अहम भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

राजस्थान को विकास में अग्रणी बनाने के अपने प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकसित भारत विकसित राजस्थान कार्यक्रम को संबोधित किया। नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने लगभग 5,300 करोड़ रुपए की सौर परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री ने राज्य में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय विद्युत ट्रांसमिशन क्षेत्र की परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित की। अपने संबोधन में उनका यह कहना विकसित भारत के विकास के लिए विकसित राजस्थान का विकास जरूरी है, राज्य के प्रति उनकी भावनाओं को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने घरों में सौर बिजली का उत्पादन करने के साथ अतिरिक्त बिजली को बेचकर आय जुटाने में नागरिकों को सक्षम बनाने के बारे में सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पीएम सूर्य घर योजना या नि:शुल्क बिजली योजना की पहल पर भी प्रकाश डाला, जिसमें प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना शामिल है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार प्रारंभ में एक करोड़ घरों की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। 75,000 करोड़ रुपये वाली कुल परिव्यय योजना से मध्यम वर्गीय और निम्न मध्यम वर्गीय को सबसे ज्यादा लाभ होगा। पीएम मोदी ने गरीबों और मध्यम वर्ग के खर्च को कम करने में डबल इंजन सरकार के प्रयासों को भी रेखांकित किया और कहा कि राजस्थान में सरकार ने 5 लाख घरों में सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विजन में भारत की एक ऐसे देश के रूप में कल्पना की है, जहां हर व्यक्ति की स्वच्छ, आसानी से उपलब्ध और सस्ती ऊर्जा तक पहुंच हो, साथ में यह भी कि उन्हें बिजली बिल का भुगतान न करना पड़े। शहरों और गांवों में, सौर ऊर्जा संयंत्रों से अपार्टमेंट्स में रहने वालों को बिजली मिलती हो, साथ ही सोलर रूफटॉप से सभी मकान मालिकों को बिजली मिलने के साथ उन्हें आय भी हो। लोग बिजली से चलने वाले आधुनिकतम घरेलू उपकरणों का इस्तेमाल करते हों। आज वास्तविकता तो यह है कि निम्न-आय वर्ग वाले या सिर्फ वेतन पर ही निर्भर रहने वाले परिवार बिजली बिल के बढ़ जाने की आशंका से घरेलू उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करते। वे महंगे उपकरण खरीदने की हिम्मत तो बांध लेते हैं, पर उन्हें डर सताता रहता है कि घरेलू उपकरणों को चलाया तो बिजली का बिल कहां से भरेंगे।

प्राचीनकाल से ही भारत में सूर्य की जीवनदाता के रूप में पूजा होती रही है। प्रौद्योगिकी ने हमें ऊर्जा स्रोत के रूप में सूर्य के प्रकाश की समझ दी। भारत विशाल सौर ऊर्जा क्षमता से सम्पन्न है। सौर ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान की अनुकूल भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए राज्य में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का आकलन किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। योजना के तहत 2024-25 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की ओर से हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान 7737.95 मेगावाट सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता के साथ अन्य राज्यों को पीछे छोड़ते हुए देश में पहले पायदान पर आ गया है। केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने लोकसभा में बताया था कि राजस्थान में 23 गीगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा का प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है जिसे नवंबर 2026 तक पूरा किया जाना है। राजस्थान सरकार का भी प्रयास है कि राज्य को सौर ऊर्जा उपकरणों के निर्माण क्षेत्र में हब के रूप में विकसित किया जाए। सर्वमान्य तथ्य है कि बिजली की जरूरत आज हमारे लिए हवा-पानी की तरह हो गई है।  

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