सर्दी का सितम, राहत बनी खानापूर्ति नए साल पर आधे रैन बसेरे रहे खाली
निगम अधिकारी-कर्मचारियों के कार्यालय में लगे हैं रूम हीटर
आमतौर पर रैन बसेरे लगने के साथ ही अशक्त, बेघर और गरीब लोगों को लाने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की जाती हैं।
जयपुर। सर्दी के सितम से बेघर, गरीब, असहाय और निराश्रितों को राहत प्रदान करने के लिए नगर निगम जयपुर ग्रेटर तथा हेरिटेज की ओर से शहर के विभिन्न इलाकों में स्थाई रैन बसेरों के साथ ही अस्थाई रैन बसेरे भी लगाए हैं। लेकिन निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते रैन बसेरे खाली चल रहे हैं। हाड़ कंपाने वाली सर्दी में लोग खुले गगन के नीचे सोने को अभिशप्त हैं। जबकि निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के लिए कार्यालयों में रूम हीटर लगे हुए हैं। दरअसल, निगम की ओर से हर साल बेसहारा और खुले में रात बिताने वाले लोगों को लाने की व्यवस्था की जाती रही है, लेकिन इस बार गाड़ी की व्यवस्था नहीं होने से लोग खुले में ही रातगुजार रहे हैं।
सड़क किनारे सोने को मजबूर हैं लोग
सर्दी के दौरान शहर के विभिन्न इलाकों में रोड के डिवाइडरों, रोड ओवरब्रिजों के नीचे और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बेघर लोग रात गुजार रहे हैं। ऐसे में इन लोगों को सर्दी से राहत प्रदान करने के लिए हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रैन बसेरे संचालित होने थे और निगम ग्रेटर प्रशासन को दस अस्थाई रैन बसेरे बनाने थे। लेकिन लापरवाही का आलम यह रहा कि शहर के विभिन्न इलाकों में दस रैन बसेरे भी नहीं बन पाए। वहीं निगम हेरिटेज ने चार की अस्थाई रैन बसेरे लगाए है।
ग्रेटर के रैन बसेरों का रिकॉर्ड, जिम्मेदार कर रहे अनदेखी
निगम ग्रेटर के संचालित रैन बसरों में रहने वालों लोगों की अपेक्षा खाने के पैकेट अधिक आ रहे है और निगम इसका प्रतिदिन रिकार्ड भी तैयार करता है। लेकिन मॉनिटरिंग करने वाले जानबूझकर भी अनदेखी कर रहे है। निगम ग्रेटर के आठ अस्थाई रैन बसेरों में 700 लोगों के रहने की व्यवस्था की है। लेकिन एक जनवरी को 335 लोग रहे और खाने के 370 पैकेट खर्च किए गए। वहीं, सात स्थाई रैन बसेरों में 320 लोगों के रहने की व्यवस्था होने के बाद भी मात्र 107 लोग रहने वाले है और भोजन के पैकेट रिकॉर्ड में 126 उपयोग में लिए गए।
एक माह बाद भी नहीं लगे वाहन
आमतौर पर रैन बसेरे लगने के साथ ही अशक्त, बेघर और गरीब लोगों को लाने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की जाती हैं। लेकिन इस बार जिम्मेदार लोग गाड़ी की व्यवस्था करना ही भूल गए। इस सन्दर्भ में अधिकारियों से जब पूछने के दौरान कुरेदा गया तो वे आय-बाए गाते रहें।
हेरिटेज में यहां होंगे अस्थाई रैन बसेरे
निगम हेरिटेज आयुक्त अरूण कुमार हसीजा ने आदर्श नगर जोन क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर पुलिया के नीचे बनाए जाने वाले अस्थाई रैन बसेरे में 80 लोगों की क्षमता, सिविल लाइंस जोन में खासा कोठी पुलिया के नीचे 100 लोगों की क्षमता, परमानंद हॉल सहकार मार्ग सी-स्कीम में 50 लोगों के साथ ही हसनपुरा पुलिया के नीचे बनाए जाने वाले अस्थाई रैन बसेरे में 50 लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी।
ट्रांसजेंडर के लिए रिजर्व
निगम हेरिटेज की ओर से ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित रैन बसेरा दूघ मंडी पानीपेच तिराहा पर संचालित है। नई संस्था भोर की ओर से संचालित इस रैन बसेरे में 50 लोगों के ठहरने की व्यवस्था संचालित है। रैन बसरों की व्यवस्थाओं को लेकर नगर निगम जयपुर ग्रेटर महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
यह है स्थाई (हेरिटेज)
आदर्श नगर जोन में शहीद भगत सिंह पार्क वृद्धाश्रम में स्थाई रैन बसेरा संचालित है। इसका संचालन ज्योति सामाजिक सेवा संस्थान महीपालपुर नई दिल्ली करता है। सिविल लाइंस जोन में रेलवे स्टेशन के पास रैन बसेरे में 70 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। इसका संचालन नई दिल्ली की सेफ एप्रोच ऑफ नेसेंट टर्मिनेशन ऑफ सोसियल हेजार्ड संस्था करती है। विद्याधर नगर जोन के पुराने भवन में नई दिल्ली की हकीकत सेनीटाइटन सोसायटी के संचालित रैन बसेरे में 40 लोगों एवं हवामहल जोन में नई दिल्ली की ही मां आस्था सामाजिक विकास सेवा संस्थान का जनता मार्केट के पास स्थाई रैन बसेरा है।
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