अनुमति के इंतजार में थमे सेवा के पहिए

पशुपालन विभाग में दो माह से धूल फांक रहे मोबाइल यूनिट वाहन

अनुमति के इंतजार में थमे सेवा के पहिए

पशुपालकों को राहत देने के उद्देश्य से कोटा जिले में तीन मोबाइल वाहन उपलब्ध करा दिए गए हैं।

कोटा। जिले सहित प्रदेश भर के पशुपालकों को उनके दर पर ही पशुओं के दर्द दूर करने के लिए गत वर्ष दिसम्बर में आए करोड़ों रुपए के मोबाइल वेटेनरी यूनिट वाहन बिना उपयोग के ही पड़े हैं। करीब दो माह गुजरने के बाद भी निदेशालय से वाहनों के उपयोग या वापस भेजने संबंधित आदेश नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यह वाहन प्रदेश भर के पशु चिकित्सालयों में इन दिनों धूल फांक रहे हैं। प्रदेश में सरकार की ओर से जिले में मवेशियों को घर पर ही इलाज मिल सकें। इसके लिए सरकार की योजना दो महीने से अनुमति नहीं मिलने से शुरू नहीं हो पाई है। सभी ब्लॉकों के लिए भेजी गई गाड़िय़ां यहां खड़े-खड़े धूल फांक रही हैं। जिससे पशुपालकों के पशुओं का यह दर्द दूर नहीं कर पा रहे हैं। 

फैक्ट फाइल
6 वाहन कोटा में आवंटित होने है।
3 वाहन उपलब्ध करा दिए गए
1 लाख पशुओं पर एक वाहन देगा सेवा।
4 लोगों का स्टाफ होगा।
8 घंटे रोजाना मिलेगी उपचार की सेवा

कोटा को मिले तीन मोबाइल वाहन
पशुपालकों को राहत देने के उद्देश्य से कोटा जिले में तीन मोबाइल वाहन उपलब्ध करा दिए गए हैं। वहीं तीन वाहन आना बाकी हैं। इस वाहन सेवा में पशुओं का उपचार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। इसके लिए पशुपालकों को केवल फोन से जानकारी देनी होगी। वाहन में पशुओं के उपचार की पूरी व्यवस्था होगी। दवाओं को रखने के लिए इसमें फ्रिज भी लगाए हैं। इसके चिकित्सक व कंपाउंडर सहित चार लोगों का स्टाफ होगा। साथ ही वाहन में उपचार से जुड़ी सभी सुविधाएं इसमें की गई है। जिससे इलाज के कारण पशुओं को तड़पना नहीं पड़ेगा।

सौंपी निगरानी की जिम्मेदारी 
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस मोबाइल चिकित्सा सेवा के संचालन की समस्त जिम्मेदारी एनजीओ संस्था को दी गई है। इसके तहत दवा, उपचार, स्टाफ और चिकित्सकों की समस्त व्यवस्था संबंधित एनजीओ को ही करना होगी। हालांकि अभी तक संचालन को लेकर कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं हुई है, लेकिन तीन वाहन को भेज दिया गया है। जो अलग-अलग ब्लॉक में भेजी जाएंगी।

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वाहन आते ही लगा ब्रेक
दिसम्बर में वाहन आने के कुछ दिनों के उपरांत ही पशुपालन विभाग के निदेशक ने वित्त विभाग का हवाला देते हुए सेवा प्रदाता संस्थानों को पत्र जारी कर वाहनों की आपूर्ति रोकने के आदेश दिए। साथ ही आपूर्ति की गई वाहनों के उपयोग पर भी रोक लगा दी। इसके बाद से वाहन पशुपालन विभाग के जिला कार्यालयों में जस के तस पड़े हुए हैं।

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एक लाख पशुओंपर एक वाहन
जिले में प्राप्त 3 वाहनों को अलग-अलग लोकेशन पर भेजा जाएगा। एक लाख पशुओं पर एक वाहन को लगाया जाएगा। यदि क्षेत्र में मवेशियों की संख्या बढ़ती है तो गाड़िय़ों की संख्या भी बढ़ेगी। कोटा जिले में छह वाहन उपलब्ध कराने की योजना है। अभी तीन वाहन आना बाकी है।

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पशुपालन विभाग में तीन वाहन आने के बाद भी उनकों अभी तक शुरू नहीं किया गया है। इससे पशुपालकों को मोबाइल वेटनरी यूनिट का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस सुविधा के शुरू होने से काफी राहत मिल सकेगी।
- शंकर गुर्जर, पशुपालक

पशुपालकों को राहत देने के लिए मोबाइल वेटनरी यूनिट के अंतर्गत वाहनों को आवंटित किया जाएगा। जिले में छह मोबाइल यूनिट वाहन मिलेंगे। अभी तीन ही आए हैं। वाहनों का उपयोग अब तक नहीं हुआ है, लेकिन अब कार्ययोजना बना रहे हैं। शीघ्र ही शुभारंभ करेंगे।
- गोविन्द मीणा, नोडल अधिकारी, पशुपालन विभाग

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