समस्या: पिपली वाले माल के किसानों को 25 साल से सावनभादो डेम के पानी का इंतजार
महंगा डीजल जलाकर कर रहे सिंचाई
किसानों ने की काली सिंध नदी से लिफ्ट कर पानी पहुंचाने की मांग।
कनवास। सावनभादो सिंचाई परियोजना का पानी पिपली वाले माल में नहीं पहुंचने के कारण किसानों को परेशानी हो रही है। किसानों ने बताया कि सिंचाई परियोजना की नहर बने 24 वर्ष 11 माह बीत गए। लेकिन पिपली वाले माल के किसानों को अभी तक बगैर डीजल के, बगैर पाइप लाइन, श्रमिक के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाया है। इसके कारण किसान डीजल इंजन और महंगी पाइप लाइन, महंगे श्रमिकों के माध्यम से अपने खेतों तक पानी ले जाने को मजबूर हैं। इस समस्या से निपटने के लिए किसानों ने जयपुर शासन सचिवालय से लेकर स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई है। सिंचाई परियोजना का पानी बगैर डीजल के नहीं मिलने से उनकी फसलें खराब हो रही हैं और आर्थिक नुकसान हो रहा है।
समाधान के लिए किसानों ने ये रखीं मांगें
किसानों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए परवन सिंचाई परियोजना से खेतों को जोड़ना, काली सिंध नदी से लिफ्ट द्वारा पानी पहुंचाना, डीजल इंजन वाले स्थान पर अस्थायी विद्युत कनेक्शन देना, या फिर डीजल पर सब्सिडी देना आदि मांगें रखी हैं।
डेम की नहर से पिपली वाले माल में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें अपने खेतों की सिंचाई के लिए महंगा डीजल जलाना पड़ रहा है। बहुत लंबी पाइप लाइन डालकर मजदूर श्रमिकों की सहायता से महंगी खेती करनी पड़ रही है। जिससे किसानों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
- मोतीलाल धाकड़, किसान
24 साल 11 माह बाद भी पिपली वाले माल में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसके कारण किसानों को अपने खेतों की सिंचाई के लिए महंगा डीजल जलाना पड़ रहा है, जो महंगाई के दौर में घाटे का सौदा हो रहा है।
- लालचंद मेरोठा, किसान
डेम की नहर से पानी की व्यवस्था की जाए। ताकि वे अपने खेतों की सिंचाई के लिए पानी का उपयोग कर सकें। बगैर डीजल श्रमिक के खेती हो सके।
- मुकुट बिहारी मेरोठा, किसान
लिफ्ट माइनर से किसानों का हजारों लीटर डीजल बचेगा और इंजन और पाइप का खर्चा भी बचेगा। समय पर पिलाई हो सकेगी और मन चाही फसल पैदा हो सकती है। अभी भी मेन केनाल से ही डीजल इंजन लिफ्ट से ही हो रही है। सिंचाई इसलिए मुख्य नहर पर कोई अधिक पानी का भार भी नहीं है। इस लिफ्ट से किसानों को लाखों रुपए का फायदा होगा।
- चौथमल नागर, किसान नेता
पिपली वाले माल का सर्वे कर लिया गया है। जल्दी ही प्रपोजल बनाकर भेजेंगे। किसानों को राहत प्रदान करेंगे।
- कमल कांत, सावनभादो सिंचाई परियोजना अधिकारी
किसानों के हित के लिए ही हम कार्यरत हैं। जैसे ही आदेश मिलेंगे किसानों के हित में कार्य करेंगे। ऐसी कार्य योजना बनाई जा रही है कि बाढ़ के पानी का सदुपयोग हो और असिंचित क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके।
- जितेंद्र अग्रवाल, अभियंता, सावनभादो डेम
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