आरसीए पर हो सकती है कार्रवाई आईपीएल आयोजन पर भी संकट
चूरू जिला संघ के चुनाव पर भी विवाद
राजस्थान खेल परिषद ने रजिस्ट्रार को लिखा पत्र, लगातार स्पोर्ट्स एक्ट का उल्लंघन कर रहा है आरसीए
जयपुर। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत में अब एक माह का समय रह गया है वहीं जयपुर में राजस्थान क्रिकेट संघ को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। राजस्थान खेल परिषद ने एसएमएस स्टेडियम को लेकर आरसीए के साथ एमओयू को आगे बढ़ाने की कार्रवाई अभी तक नहीं की है, वहीं स्पोर्ट्स एक्ट के उल्लंघन को लेकर आरसीए के खिलाफ कार्रवाई के लिए रजिस्ट्रार सहकारिता को पत्र लिखा है।
स्टेडियम अब परिषद के कब्जे में
सवाई मानसिंह स्टेडियम के मुख्य मैदान को लेकर फरवरी 2019 में आरसीए और खेल परिषद के मध्य एमओयू हुआ, जो बुधवार को समाप्त हो गया। ऐसी स्थिति में अब एसएमएस स्टेडियम का ग्राउण्ड राजस्थान खेल परिषद के अधीन आ गया है। आरसीए ने एमओयू के विस्तार के लिए परिषद के समक्ष आवेदन किया लेकिन उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बन सकती है एडहॉक कमेटी
बुधवार को राजस्थान खेल परिषद ने रजिस्ट्रार सहकारिता को पत्र लिखकर आरसीए पर स्पोर्ट्स एक्ट के लगातार उल्लंघन के आरोप लगाए हैं और कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही कुछ जिला संघों की ओर से भी एक शिकायती पत्र आरसीए के खिलाफ रजिस्ट्रार को भेजा गया है। माना जा रहा है कि रजिस्ट्रार इसपर जल्दी की कार्रवाई कर आरसीए में एडहॉक कमेटी का गठन कर सकता है।
चूरू जिला संघ के चुनाव पर भी विवाद
इस बीच चूरू जिला क्रिकेट संघ के चुनाव को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। चूरू जिला संघ के मंगलवार को हुए चुनाव में पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ के बेटे पराक्रम राठौड़ को अध्यक्ष चुना गया है। आरसीए के सचिव भवानी शंकर सामोता का कहना है कि पर्यवेक्षक की नियुक्त आरसीए सचिव द्वारा की जाती है, जबकि शक्ति सिंह राठौड़ को उन्होंने नियुक्त नहीं किया। वहीं शक्ति सिंह का कहना है कि वे आरसीए में उपाध्यक्ष हैं और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने उन्हें पर्यवेक्षक बनाया था। ऐसे में चुनाव की वैधता पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
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