नगर पालिका की गलती का खामियाजा भुगत रहे लोग

जगह-जगह से उखड़ी लाखों की लागत से लगाई इंटरलॉकिंग

नगर पालिका की गलती का खामियाजा भुगत रहे लोग

आमजन की मांग के बावजूद भी नहीं बनाया सीसी रोड।

सांगोद। कोटा जिले के दूसरे सबसे बड़े उपखंड सांगोद में लाखों रुपए खर्च कर लगाई गई इंटरलॉकिंग लोगों के लिए सुविधा की जगह मुसीबत साबित हो रही है। जानकारी के अनुसार चार-पांच साल पहले भाजपा के बोर्ड में नगर के चार हाटडी मोहल्ले में इंटरलॉकिंग का कार्य हुआ था। लेकिन मात्र 15 से 20 दिन में ही इंटरलॉकिंग में लगी र्इंटें उखड़ने लगीं और उनमें कीचड़, पानी व गंदगी जमा हो गई। जबकि इंटरलॉकिंग के मुकाबले सीसी रोड ज्यादा मजबूत और टिकाऊ होता है। इंटरलॉकिंग में सीमेंट का प्रयोग नहीं होता। केवल र्इंटों के ब्लॉकों को आपसे में एक दूसरे से जोड़ कर रेत या बारीक कंक्रीट भर दी जाती है। इंटरलॉकिंग कार्य के दौरान मोहल्ले के बाशिंदों ने विरोध भी किया था और सीसी सड़क की मांग की थी। लेकिन पालिका ने लोगों के विरोध की परवाह नहीं की और इंटरलॉकिंग कर दी। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। 

नगर का सबसे बड़ा मोहल्ला 
चार हाटडी मोहल्ला सांगोद नगर का सबसे बड़ा व व्यस्त मोहल्ला है, जो कि लगभग एक किलोमीटर एरिया को कवर करता है। साथ ही मुख्य पुराना बाजार से गांधी चौराहे पर जाने वाला बाइपास भी माना जाता है। जब मुख्य सड़क पर जाम लग जाता है, तो बाइक सवार व राहगीर इसी मोहल्ले से होकर गुजरते हैं। इस मोहल्ले से प्रतिदिन सैंकड़ों वाहनों का आवागमन होता है।

श्रद्धालुओं को उठानी पड़ती है परेशानी 
इस मोहल्ले में लगभग 6 से 7 मंदिर, कोचिंग संस्थान, अंजुमन इस्लामिया स्कूल आदि हैं। जिसमें प्रमुख रूप से श्री कल्याणरायजी का मंदिर है, जिसमें प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालु सुबह 5 बजे मंगला के दर्शन से लेकर, दोपहर से पूर्व के दर्शन के लिए जाते हैं। ज्ञान रायजी के मंदिर में प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालुओं, विद्यार्थियों का जाना होता है। सुबह के समय सभी श्रद्धालु मंदिर की ओर जाते हैं। लेकिन अव्यवस्थित इंटरलॉकिंग और उखड़ी हुई र्इंटों के बीच भरी गंदगी व कीचड़ के कारण पानी के छींटे लगने से कपड़े गंदे हो जाते हैं। साथ ही सुबह नहा धोकर निकले श्रद्धालु घर गंदगी का शिकार होकर घर लौटते हैं। 

शुरू में ही हुआ था इंटरलॉकिंग का विरोध 
सांगोद में जब इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू हुआ, उसी समय लोगों ने इसका विरोध किया था। इंटरलॉकिंग लगने के 15-20 दिन बाद ही र्इंटें उखड़ने लगी थीं व उनमें गंदगी भरने लगी थी। उखड़ी र्इंटों के कारण बैलेंस बिगड़ने से कई बाइक सवार गिर कर चोटिल हो गए। जब यह बात अन्य मोहल्ले वासियों को पता लगी तो उन्होंने विरोध किया कि हमारे वार्ड में इंटरलॉकिंग नहीं करके सीसी रोड बनाया जाए। लेकिन उस समय नगर पालिका ने जल्दबाजी और आनन-फानन में तुरंत इंटरलॉकिंग करवा दी। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। नगर पालिका ने बीच-बीच में रिपेयरिंग भी की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

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अन्य मोहल्लों में भी है यही हाल 
सांगोद में केवल एक यही नहीं बल्कि जैन गली, दर्जियों की गली, सांगा पाड़ा, छीपों का मोहल्ला समेत दर्जनों मोहल्लेवासी भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं।

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इंटरलॉकिंग का कार्य गुणवत्ता पूर्वक नहीं हुआ है। मेरे खुद के घर के सामने इंटरलॉकिंग उखड़ी हुई है। इंटरलॉकिंग में इतना गैप हो गया है कि उसमें गंदा पानी, कीचड़, गोबर भर जाता है। चलते समय छींटे लगते हैं। 
- ममता गौतम, गृहिणी  

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नगर के सबसे बड़े मोहल्ले में इस प्रकार का घटिया कार्य होना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रतिदिन संैकड़ों विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। कई बच्चे साइकिल तो कई बच्चे पैदल आते हैं। इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। 5 से 8 लाख रुपए का कार्य करवा कर, केवल लीपापोती की गई है।
- अजय सिंह, शिक्षक  

तत्कालीन भाजपा पालिका बोर्ड ने इंटरलॉकिंग करने में इतनी जल्दबाजी दिखाई कि उसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है। पुराने सीसी रोड पर ही टाइलें चिपका दीं। गुणवत्ता से समझौता किया गया है।
- घनश्याम सोनी, कांग्रेस कार्यकर्ता 

गुणवत्तापूर्वक कार्य नहीं करवाने वाली जैसी बात सरासर गलत है। इंटरलॉकिंग र्इंटें समय के साथ जगह छोड़ देती हैं। जिससे इनमें पानी भर जाता है। रिपेयर भी करवाई गई थी। बाकी नगर में अन्य जगहों पर लोगों की मांग के अनुसार सीसी रोड का ही कार्य हुआ था। नि:संदेह भाजपा बोर्ड में अच्छा कार्य हुआ है।
- देवकीनंदन राठौर, तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष, सांगोद

इनका कहना है 
पिछले बोर्ड ने जहां पर भी इंटरलॉकिंग का कार्य किया है, वहां से इंटरलॉकिंग खिसकने की समस्या बार-बार आ रही है। क्योंकि पिछले बोर्ड ने गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं करवाया है। इसकी समय रहत दोबारा से मरम्मत करवाएंगे। ताकि आमजन को परेशानी ना हो।
- कविता गहलोत, अध्यक्ष, नगर पालिका, सांगोद

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