राजस्थान इकोनॉमिक कॉरिडोर से बन सकता है बड़ा निर्यात हब
निर्यात बढ़ाया जा सकता है
टीम आरतिया ने पहले ईस्टर्न इकोनॉमिक कारीडोर की स्पॉट स्टडी की।
जयपुर। दो प्रमुख इकोनॉमिक कॉरिडोर राजस्थान को निर्यात का बड़ा हब बना सकते हैं। पहला है ईस्टर्न इकोनॉमिक कारीडोर और दूसरा है इंडिया मिडिलईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कारीडोर। टीम आरतिया ने कहा है कि राजस्थान सरकार इस अवसर का लाभ उठाने के लिए नीतिगत व व्यवहारिक पहल करें।
टीम आरतिया ने पहले ईस्टर्न इकोनॉमिक कारीडोर की स्पॉट स्टडी की और आरतिया का प्रतिनिधिमंडल बैंकाक में कारीडोर के इनवेस्टमेंट प्रमोशन डिपार्टमेंट के निदेशक तीरापत थिंकोसोल, उप निदेशक थनावत अरूनपुन, इनवेस्ट प्रमोशन स्ट्रटेजी विभाग के सहायक निदेशक थीचाघन और विदेश मामलों के कार्यकारी निदेशक निकोरन सचदेव से चेयरमैन कमल कंदोई, एडवाइजर अजय गुप्ता व स्ट्रटेजिक एडवाइजर ज्ञान प्रकाश, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय पाराशर, उपाध्यक्ष विनोद शर्मा और महासचिव सचिन अग्रवाल शामिल थे। ईस्टर्न इकोनॉमिक कारीडोर के देशों में वियतनाम, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड समाहित हैं। इन देशों को राजस्थान से वाहन, अल्यूमीनियम, कॉटन, प्लास्टर, सीमेंट का निर्यात बढ़ाया जा सकता है।
Comment List