4.5 लाख की मशीन, मरम्मत का खर्चा 6.50 लाख
अब पशु बीमार तो अंदाजे से होगा उपचार
जिला चिकित्सालय की एकमात्र सोनोग्राफी मशीन खराब होने से पशुओं की नहीं हो पा रही सोनोग्राफी, पशुपालक परेशान।
कोटा। राजकीय बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में लगी सोनोग्राफी मशीन दो महीने से खराब है। इस कारण पशुओं की सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। यहां पर लगी सोनोग्राफी मशीन में व्हाइटनेस की समस्या आ रही है। इसकी वजह से रिपोर्ट का सही आंकलन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में बीमार पशुओं के उपचार में परेशानी हो रही है। पूरे जिले में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा केवल मोखापाड़ा स्थित बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय की पॉली क्लिनिक इकाई में हैं। ऐसे में जिले के पांच लाख से अधिक पशुओं की सोनोग्राफी की जांच का भार इसी मशीन पर है। इसके बावजूद अभी तक सोनोग्राफी मशीन को चालू नहीं किया गया है।
4.50 लाख रुपए में खरीदी थी मशीन
जिला मुख्यालयों पर संचालित होने वाले प्रत्येक राजकीय पशु चिकित्सालयों के लिए वर्ष 2017 में एक-एक सोनोग्राफी मशीन खरीदी गई थीं। उस समय एक मशीन की कीमत 4.50 लाख रुपए आई थी। उस समय जिस कंपनी को सोनोग्राफी मशीनें लगाने और देखभाल का जिम्मा दिया गया था, आज उस कंपनी का कोई अता-पता ही नहीं है। पशु चिकित्सालय के कर्मचारियों ने बताया कि सोनोग्राफी मशीन लगने के बाद बीमार पशुओं के उपचार में आसानी होने लगी थी। दो माह पहले यहां की मशीन अचानक खराब हो गई। जिससे जांच की सुविधा बंद हो गई। इस कारण बीमार पशुओं का उपचार कराने में पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ हा है।
मशीन ठीक करने का खर्चा 6.50 लाख
पशु चिकित्सालय के चिकित्सकों के अनुसार पशुपालन विभाग ने सात साल पहले पूरे प्रदेश में एक निजी कम्पनी से जिला मुख्यालयों के लिए सोनोग्राफी मशीनें खरीदी थी। उस समय प्रत्येक मशीन की लागत 4.50 लाख रुपए आई थी। नई मशीन होने से जिले में बीमार पशुओं को जांच की अच्छी सुविधा मिल रही थी। दो माह पहले अचानक से सोनोग्राफी मशीन खराब हो गई। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने मशीन को ठीक कराने के लिए टेक्नीशियन को बुलाया। उसने मशीन ठीक करने का खर्चा 6.50 लाख रुपए बताया। इस पर स्थानीय अधिकारियों ने पशुपालन निदेशालय से इसके लिए बजट मांगा, लेकिन वहां के उच्चाधिकारियों ने बजट ज्यादा बताकर देने से इनकार कर दिया।
बिना जांच कैसे पता चलेगी बीमारी
मोखापाड़ा स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय में ही सोनोग्राफी मशीन लगी हुई। सोनोग्राफी जांच की सुविधा कोटा जिले में केवल यहीं पर ही हैं। इस मशीन के खराब होने के कारण अब बीमार पशुओं की सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। नयागांव के पशुपालक दौलतराम मीणा व शोदान गुर्जर ने बताया कि सोनोग्राफी की जांच से ही पशुओं की बीमारी का पता चल पाता है। अब मशीन खराब होने से पशु चिकित्सक पशुओं की स्थिति देखकर दवाइयां लिख रहे हैं। जांच के बिना पशुओं की गम्भीर बीमारी का पता नहीं लग पा रहा है।
इनका कहना
जिला मुख्यालय पर स्थित बहुउददेशीय पशु चिकित्सालय में पशुओं की सोनोग्राफी के लिए मशीन लगी हुई है। अब मशीन खराब होने के कारण बीमार पशुओं का उपचार कराने में परेशानी हो रही है। पशुओं के गंभीर बीमार होने पर पशु चिकित्सक सोनोग्राफी की सलाह देते हैं, लेकिन जिले में सोनोग्राफी की सुविधा नहीं होने से उन्हें अन्य जिलों में जाकर सोनोग्राफी करवानी पड़ती है।
-कान्हा गुर्जर, पशुपालक
जिला पशु चिकित्सालय में सोनोग्राफी मशीन खराब है। इसे ठीक कराने के लिए उच्चाधिकारियों को कई बार लिखा जा चुका है। मशीन को ठीक कराने पर 6.50 लाख रुपए का खर्चा आएगा। इतना बजट नहीं मिल रहा है। अब नई सोनोग्राफी मशीन लगाने के लिए डिमांड भेजी गई है। जल्द ही मशीन उपलब्ध होने की उम्मीद है।
डॉ. गिरिश सालफळे, उप निदेशक, पशुपालक विभाग कोटा
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