कोटा की सड़कों पर हर माह उतर रहे 4 हजार नये वाहन
सांसों में घुल रहा जहर: कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन जैसी हानिकारक गैसों के बढ़ रहे कण
कोटा परिवहन कार्यालय में पंजीकृत होने वाले वाहनों में सबसे अधिक संख्या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की है।
कोटा। शहर में प्रदूषण का स्तर रोज बढ़ रहा है, इसमें सबसे बड़ा योगदान सड़कों पर चलने वाले वाहनों का है। कोटा में हर महीने करीब 4 हजार या यूं माने हर रोज करीब 125 से 135 वाहनों सड़कों पर उतर रहे हैं। वाहनों की संख्या बढ़ने के साथ हवा में प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। हालांकि सरकार की ओर से लगातार प्रदूषण को कम करने के लिए समय के साथ कई तरह के कड़े नियम लागू किए गए हैं। जिसमें बीएस इजंन में हो रहे सुधार भी शामिल है। वहनों से सबसे अधिक कार्बन मोनो ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन होता जो ग्रीन हाउस गैसें हैं।
हर माह पंजीकृत हो रहे एक हजार वाहन
कोटा परिवहन कार्यालय में हर माह औसतन 4 हजार वाहनों का पंजीयन हो रहा है। जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा दोपहिया वाहनों का है। जिनकी संख्या लगभग 2 हजार से 2.5 हजार के बीच होती है। वहीं चौपहिया वाहनों की बात करें तो परिवहन कार्यालय पर हर माह 900 से 1 हजार वाहन पंजीकृत हो रहें है। इसके अलावा हर माह औसतन 180 टैÑक्टर, 15 बड़े वाहन और 200 अन्य वाहन पंजीकृत हो रहें है। वहीं शहर में 200 इलेक्ट्रिक वाहन भी पंजीकृत हो रहे हैं। वहीं वर्ष 2023 में कोटा की सड़कों पर 47 हजार 326 वाहन नए उतरे थे जिनकी संख्या साल 2022 में 38 हजार 528 थी।
बीएस 3 से बीएस 6 तक के वाहन सड़कों पर
कोटा की सड़कों पर वर्तमान में भारत स्टेज एमीशन स्टैंर्डड 3 से 6 तक के अनुसार बने वाहन दौड़ रहे हैं। वहीं बीएस 3 के नोर्मस इंजन वाले प्रत्येक वाहन एक किलोमीटर चलने पर औसतन 5 ग्राम कार्बन मोनो ऑक्साइड, 20 मिलीग्राम नाइट्रोजन ऑक्साइड, 300 मिलीग्राम ग्राम अन्य प्रकार की हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करते हैं। बीएस 4 के वाहन 2.2 ग्राम कार्बन मोनो ऑक्साइड, 11 मिलीग्राम नाइट्रोजन ऑक्साइड, 250 मिलीग्राम ग्राम अन्य प्रकार की हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करते हैं। वहीं बीएस 6 के वाहन 1.1 ग्राम कार्बन मोनो ऑक्साइड, 0.56 मिलीग्राम नाइट्रोजन ऑक्साइड, 170 मिलीग्राम ग्राम अन्य प्रकार की हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करते हैं।
पेट्रोल वाहन की संख्या सबसे ज्यादा
कोटा परिवहन कार्यालय में पंजीकृत होने वाले वाहनों में सबसे अधिक संख्या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की है। हर माह कोटा में 2 हजार 818 पेट्रोल, 500 डीजल और 364 अन्य र्इंधनों जैसे सीएनजी, एथेनोल व एलपीजी से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण हो रहा है। इन वाहनों के सड़कों पर चलने से हर माह कोटा की सड़कों पर 350 ग्राम नाइट्रोजन ऑक्साइड, 25 ग्राम हानिकारक कण, करीब 3.5 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड और 90 हजार पीपीएम का हर एक किलोमीटर पर उत्सर्जन बढ़ रहा है। परिवहन विभाग के अनुसार कोटा की सड़कों पर वर्तमान में 6 लाख 40 हजार से ज्यादा वाहन दौड़ रहे हैं। जिनसे हर एक किलोमीटर चलने पर औसतन 600 किलोग्राम मोनोऑक्साइड, 160 किलोग्राम नाइट्रोजन ऑक्साइड और लगभग 3 करोड़ पीपीएम कण हवा में घुल रहे हैं।
इंजन श्रेणी कार्बन मोनो ऑक्साइड नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड पीएम/पीपीएम अन्य गैसें
बीएस 3 5.22ग्राम/किमी 0.21ग्राम/किमी 1.8/100 300 ग्राम/किमी
बीएस 4 2.27ग्राम/किमी 0.11ग्राम/किमी 0.9/50 250ग्राम/किमी
बीएस 6 1.16ग्राम/किमी 0.06ग्राम/किमी 0.5/30 170ग्राम/किमी
स्त्रोत - बीएस स्टेंर्डड
इनका कहना है
सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ने से प्रदूषण का स्तर तो बढ़ता ही है, लेकिन उसके लिए सरकार की ओर से बनाई गाइडलाइंस का पालान होना सुनिश्चित करवाते हैं। वाहनों के प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केंद्रीय स्तर पर प्रयास जारी हैं।
- अमित सोनी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कोटा
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