सुखाड़िया गार्डन दुर्दशा का शिकार, पशु कर रहे हैं विचरण

लाखों की कैरी बैग मशीन कबाड़ में पड़ी

सुखाड़िया गार्डन दुर्दशा का शिकार, पशु कर रहे हैं विचरण

रात्रि के समय पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है जिससे गार्डन दुर्दशा का शिकार हो रहा है।

लाखेरी। शहर में आम जन के लिए बनाया गया मुख्य सुखाडिया गार्डन पर वर्तमान में दुर्दशा का शिकार हो रहा है। रेलिंग के अभाव में पशुओं का गार्डन में जमावड़ा लगा रहता है। गार्डन के पास में ही 100 वर्ष के अधिक समय पूर्व एसीसी सीमेंट उद्योग अंग्रेजों के समय जेड आकर का राजस्थान का पहला बनाया गया जीग जेग डेम पर चादर चलने के कारण शहर व क्षेत्र के लोग प्रतिदिन अपने परिवार के साथ लोग बड़ी संख्या में यहां पर पहुंच रहे है। वहां पर बना सुखाडिया गार्डन पर भी लोग अपने परिवार के साथ पहुंचते हैं लेकिन सुखाड़िया गार्डन की हालत खराब होने के चलते परिवार के साथ पहुंचे लोगों को परेशानियों से गुजरना पड़ता है । समस्या को जन प्रतिनिधि और सम्बंधित अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समाधान नहीं होने से लोगों में रोष देखा जा सकता है। वार्ड पार्षद राजू सैनी ने बताया कि गार्डन पर वर्तमान में कर्मचारी नहीं लगाने के चलते वहां पर लगी लोहे की रेलिंग असामाजिक तत्वों ने तोड़ दी गई है और रात्रि के समय पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है जिससे गार्डन दुर्दशा का शिकार हो रहा है। गार्डन पर पालिका द्वारा नगर वासियों के लिए शहर को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए कैरी बैग मशीनें लाखों रुपए की लागत से खरीदी गई थी। यह मशीन है कहीं जगह पर लगाई गई थी लेकिन मशीनें  अपना कार्य नहीं करने से उनका उपयोग नहीं हो सका। यह कैरी बैग मशीनें कबाड में गार्डन पर पड़ी हुई है।  पालिका द्वारा सरकार के लाखों रुपए के बजट का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। 

इनका कहना है 
असामाजिक तत्वों द्वारा गार्डन की लगी लोहे की जालियों को तोड़ा गया है और गार्डन पर पड़े सामानों की जांच करवाई जाएगी। 
- ईओ मोती शंकर नागर

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