नाम की रह गई निगम की गांधी उद्यान नर्सरी, नहीं हो रहे पौधे तैयार
निगम की नर्सरी में वन विभाग से पौधे लाकर किया जा रहा वितरण
निगम की नर्सरी में अब गिनती के ही कर्मचारी हैं।
कोटा। नगर निगम की गांधी उद्यान स्थित नर्सरी अब सिर्फ की रह गई है। यहां अब पौधे तैयार नहीं किए जाते। यहां वन विभाग से पौधे लाकर उनकी देखभाल करने व वितरण का ही काम किया जा रहा है। गांधी उद्यान में नगर निगम की नर्सरी काफी पुरानी है। पहले यहां कई तरह के पौधे तैयार किए जाते थे। इसके लिए निगम में स्थायी कर्मचारी भी लगे हुए थे। वे गांधी उद्यान में फलदार व छायादार पौधे तैयार करते थे। जिसे आमजन में वितरण किया जाता था। लेकिन वर्तमान में यहां न तो निगम के कमचारी बचे हैं और न ही पौधे तैयार किए जा रहे हैं। शहर में पड़ रही भीषण गर्मी में नर्सरी में रखे कई पौधे तक सूख रहे हैं। हालांकि पौधों की सुरक्षा के लिए यहां ग्रीन हाउस भी बनाया हुआ है। उसके बाद भी गर्मी इतनी अधिक है कि जहां भी खुला हिस्सा रह गया और धूप तेज पड़ी वहां से घास और पौधे सूख रहे हैं।
गिनती के कर्मचारी, बाकी ठेके पर
निगम की नर्सरी में अब गिनती के ही कर्मचारी हैं। अधिकतर कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं। कुछ समय पहले तक एक महिला कर्मचारी थी। वह पौधे लगाने का काम करती थी। साथ ही तत्कालीन आयुक्त कीर्ति राठौड़ के समय तक यहां नर्सरी में कुछ पौधे तैयार करने का प्रयास किया गया था। हालांकि वे पौधे पनप नहीं सके। जानकारी के अनुसार महिला कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने व तत्कालीन आयुक्त कीर्ति राठौड़ का ट्रांसफर होने के बाद किसी ने भी यहां पौधे लगाने पर ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में यहां करीब 30 से 32 ठेके के कर्मचारी लगे हुए हैं। ये गार्डन की देखभाल, पानी देना और घास कटाई और पौधो की सार संभाल का काम करते हैं।
वन विभाग से पौधे लाकर सार संभाल करते
नर्सरी की देखभाल करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि वर्तमान में नर्सरी में पौधे तैयार करना तो बंद हो गया है। अब तो बरसात के समय में वन विभाग से फलदार व छायादार पौधे लाते है। उन्हें नर्सरी में रखकर उनकी सार संभाल करते हैं। आमजन जो यहां पौधे लेने आते हैं उन्हें वितरण किया जाता है। साथ ही निगम के स्तर पर भी जहां पौधारोपण कराया जाता है वहां पौधे भेजे जाते हैं।
इनका कहना है
निगम की नर्सरी में काफी समय से नए पौधे तैयार नहीं किए जा रहे हैं। नर्सरी में पौधे तैयार करने वाले निगम के जो स्थायी विशेषज्ञ कर्मचारी थे वे सभी सेवानिवृत्त हो गए हैं। अब तो बरसात के समय में 15 जुलाई के बाद वन विभाग से पौधे लेकर आएंगे। यहां उनकी सार संभाल की जाएगी। उसके बाद पौधों का वितरण व पौधारोपण किया जाएगा। कुछ समय पहले यहां पौधे लगाने का प्रयास किया था लेकिन वे पनप नहीं सके। उसके बाद नए पौधे नहीं तैयार किए।
- रामलाल, गार्डन अधीक्षक
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