गौ रक्षार्थ 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का हुआ आयोजन
मुरलीपुरा के विकास नगर विस्तार, दादी का फाटक स्थित मंदिर श्री राधा कृष्ण मंदिर में रविवार को सालासर बालाजी धाम के महंत विष्णु महाराज के सान्निध्य में गौ रक्षार्थ 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया।
जयपुर। मुरलीपुरा के विकास नगर विस्तार, दादी का फाटक स्थित मंदिर श्री राधा कृष्ण मंदिर में रविवार को सालासर बालाजी धाम के महंत विष्णु महाराज के सान्निध्य में गौ रक्षार्थ 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। वेद माता मां गायत्री, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, भगवती देवी शर्मा सहित 28 देवी देवताओं का भाव भरा आह्वान कर पूजन किया।
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह व्यवस्थापक मणि शंकर चौधरी ने कहा कि व्यक्ति पर वातावरण का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति मंदिर में पूजा अर्चना करता है तो उसका मन प्रसन्न रहता है लेकिन जैसे ही वह मंदिर परिसर से बाहर निकलता है तो वातावरण के दुष्प्रभाव की चपेट में आ जाता है। गायत्री महामंत्र व्यक्ति को वातावरण के दुष्प्रभाव से बचाता है। इसे ब्रह्मास्त्र की संज्ञा दी गई है। इसलिए हर व्यक्ति को प्रतिदिन गायत्री महामंत्र का जाप करना चाहिए।
व्यास पीठ से दिनेश आचार्य ने यज्ञ करवाते हुए कहा कि यज्ञ सत्कर्म का प्रतीक है। यज्ञ के दौरान अग्नि में घी डालते हैं तो अग्नि घी को अपने पास ने रखकर पूरे वातावरण में बांट देती है वैसे ही हमें ज्ञान, साधन, धन को समाज में वितरण करना चाहिए। गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में हुए महायज्ञ में 300 से ज्यादा श्रद्धालुओ ने गायत्री एवं महामृत्युंजय मंत्र के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की गई। यों को बचाने के लिए विशेष आहुतियां प्रदान की गई। प्रदेश में सुवर्षा की कामना के लिए विशिष्ट आहुतियां प्रदान की गई जिसका प्रभाव दो घंटे में दिखा। यज्ञ की पूर्णाहुति में मानसून में अधिक से अधिक पौधे लगाने का संकल्प कराया गया। बच्चों को गायत्री मंत्र लेखन पुस्तिका भेंट की गई। इस मौके पर मंदिर परिसर में नशा मुक्ति प्रदर्शनी भी लगाई गई। श्रद्धालुओं को सालासर बालाजी मंदिर का प्रसाद वितरित किया गया। सालासर बालाजी मंदिर के महंत विष्णु महाराज ने हनुमान चालीसा का पाठ कराया। कार्यक्रम संयोजक मनु महाराज ने गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ के मुख्य ट्रस्टी धर्म सिंह राजावत, प्रहलाद शर्मा सहित अन्य विशिष्ट जनों का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। गणपत वर्मा, गोपाल पारीक, मनोज माथुर, उमाशंकर खंडेलवाल, मंगल सैनी, विद्याधर शर्मा, रामेश्वर शर्मा, सीता राम शर्मा, जय प्रकाश शर्मा, राजेश प्रजापति , सुनील अग्रवाल सहित अनेक कार्यकर्ताओ ने श्रमदान कर यज्ञ को सफल बनाया।
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