पोस मशीन में हाथ की रेखाओं का नहीं हो रहा मिलान
राशन की दुकानों पर बच्चों और बुजुर्गो की अटकी केवाईसी
आधार कार्ड को अपडेट करवाने में हो रही मशक्कत।
कोटा। केस एक - छावनी निवासी सुरजीत के पांच साल के बेटे की राशन डीलर की दुकान पर पोस मशीन से केवाईसी नहीं हो पा रही है। कई बार प्रयास करने के बाद भी मशीन में हाथ की रेखाओं का मिलान नहीं हो पाया। वहां से आधार कार्ड अपडेट करवाने के लिए भेज दिया गया है। अब आधार कार्ड को अपडेट करवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।
केस दो - रायपुरा निवासी 70 वर्षीय मुन्नी बाई को पिछले कई सालों से राशन का गेहूं मिल रहा है। अब सरकार ने पोस मशीन से केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए वह कई बार राशन की दुकान पर केवाईसी करवाने के लिए जा चुकी है, लेकिन उसके हाथ की अंगुलियां पोस मशीन में शो नहीं हो पा रही है। जिससे अब गेहूं मिलने पर संकट हो गया है।
जिले में काफी संख्या में बच्चों और बुजुर्गो को कुछ इस तरह की परेशानी उठानी पड़ रही है। राशन की दुकानों पर कई बार चक्कर लगाने के बावजूद उनकी केवाईसी नहीं हो रही है। जिससे अब मुफ्त के गेहूं मिलने पर परेशानी हो सकती है। राशन डीलरों के अनुसार कोटा जिले में खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल करीब 30 फीसदी बालकों एवं बुजुर्गो को केवाईसी करवाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। छोटे बालकों की रेखाएं पोस मशीन में आसानी से नहीं आती है, इससे भी केवाईसी नहीं हो पा रही है। कई बुजुर्गो के भी पोस मशीन में फिंगर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में उनको भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि इनकी केवाईसी नहीं हुई तो आने वाले दिनों में उनके राशन पर तलवार लटक जाएगी। उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर राशन कार्ड में दर्ज प्रति यूनिट के हिसाब से पांच किलो गेहूं मुफ्त वितरित किया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कम हैं संसाधन
जिले में आधार कार्ड बनाने व अपडेट कराने के लिए लोगों को भटकना पड़ता है। यदि हर ग्राम पंचायत में आधार कार्ड बनाने की मशीन हो तो लोगों को भटकना नहीं पड़े। अभी खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल जिन बालकों के आधार कार्ड अपडेट करवाने हैं, उनके परिजनों को बालकों को लेकर भटकना पड़ रहा है। ग्राम पंचायतों में आधार कार्ड बनाने की मशीन नहीं होने से ग्रामीण इलाके के लोगों को शहर एवं दूर के ई-मित्र केन्द्र जहां पर आधार कार्ड बनाने की मशीन है वहां पर जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन कम होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह आ रही है परेशानी
जिन बालकों के पांच वर्ष से कम उम्र में फोटो खींचकर आधार कार्ड बने हैं, उनकी राशन डीलर की पोस मशीन में केवाईसी नहीं हो रही है। राशन डीलरों का कहना है कि उनका आधार कार्ड फिंगर व आई स्क्रीन लगकर दोबारा आधार कार्ड अपडेट करवा के बाद ही केवाईसी होगी। बालकों के परिजनों को उनका आधार कार्ड अपडेट करवाना होगा। वहीं अधिक उम्र के बुजुर्गो की हाथ की अंगुलियों और अंगूठे की लकीरें उनका साथ छोड़ चुकी है। इस कारण उनकी भी पोस मशीनों में केवाईसी नहीं हो पा रही है। ऐसे में अब आधार कार्ड को अपडेट करवाने के लिए बुजुर्गो को आधार सेंटरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
जिले में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और अधिक उम्र के बुजुर्गो के फिंगर अपडेट नहीं होने से खाद्य सुरक्षा सूची के लिए पोस मशीन में केवाईसी नहीं हो पा रही है। इनका आधार कार्ड अपडेट होने के बाद ही पोस मशीन से केवाईसी हो पाएगी। अभी तक विभाग से यह आदेश भी नहीं आए हैं कि उनका राशन वितरण करना है या नहीं।
- गिर्राज प्रसाद, राशन डीलर
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