एजी की रिपोर्ट में खुलासा, 2023 के अंत में सरकार के पास नकद थे केवल 32.65 करोड़
अंतिम कार्रवाई लंबित थी
एजी की रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य सरकार राजकोषीय नुकसान को जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की कमी के भीतर नहीं रख सकी। साल 2022-23 के अंत में राजकोषीय घाटा 51,028 करोड़ था।
जयपुर। एजी राजस्थान ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त वर्ष के लिए वित्त लेखापरीक्षा, बजटीय प्रबंधन, लेखों की गुणवत्ता और वित्तीय रिपोर्टिंग, राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों की वित्तीय प्रदर्शन की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की है। रिपोर्ट में सरकार की उपलब्धियां, राजकोषीय स्थिति, वित्त का सार पेश किया गया है। एजी की रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य सरकार राजकोषीय नुकसान को जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की कमी के भीतर नहीं रख सकी। साल 2022-23 के अंत में राजकोषीय नुकसान 51,028 करोड़ था।
133 पीडी खातों को नहीं किया था बंद
एजी की रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च, 2023 तक विभिन्न विभागों ने 2010-11 से 2021-22 की अवधि से संबंधित कुल 1,107.25 करोड़ के 895 उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्यालय महालेखाकार (लेखा एवं हक) को प्रस्तुत नहीं किए। रिपोर्ट में बताया गया कि उपयोगिता प्रमाण पत्रों का निहित अवधि के भीतर प्रस्तुत नहीं करना न सिर्फ वित्तीय जवाबदेयता तंत्र की कमजोरी को बल्कि विभागीय अधिकारियों के नियमों की पालना में विफलता को भी इंगित करता है। वहीं दो वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बावजूद 133 पीडी खातों को बंद न करना जीएफ एण्ड एआर और राजस्थान कोषालय नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन था, जो कोषालय के स्तर पर निगरानी की कमी को दर्शाता है। एजी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2023 तक विभिन्न विभागों में 126.01 करोड़ की राशि के दुरुपयोग, गबन और सरकारी धन की चोरी/हानि के 732 मामले दर्ज किए। जिन पर 30 जून, 2022 तक अंतिम कार्रवाई लंबित थी।
पूंजीगत परिव्यय में गत वर्ष की तुलना में आई 4,354 करोड़ की कमी
एजी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के राजस्व परिवय में 7.96 फीसदी की बढ़ोतरी रही। जबकि राजस्व प्राप्तियों में 6.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं पूंजीगत परिव्यय में 4,354 करोड़ की कमी आई। एजी की रिपोर्ट में बताया कि मार्च, 2023 के अंत में नकद शेष के रूप में सरकार के पास केवल 32.65 करोड़ थे। इसके अलावा राज्य सरकार ने 273 दिनों के लिए मार्गोपाय अग्रिम का लाभ उठाया और 113 करोड़ रुपए का ब्याज अदा किया।
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