अल्बर्ट संग्रहालय में 19वीं शताब्दी के 30 से अधिक साज, अधिकांश अब भी सजा सकते हैं सुर
पर्यटकों के अवलोकनार्थ संग्रहालय में प्रदर्शित किया है
अधिकारियों के अनुसार यहां करीब 30 से अधिक वाद्य यंत्र है। ये सभी 19वीं शताब्दी के बताए जाते हैं। कमाल की बात यह है कि इनमें से अधिकांश अभी भी चालू हालत में है।
जयपुर। पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले अल्बर्ट संग्रहालय में वैसे तो करीब 20,000 हजार पुरावस्तुएं संग्रहित हैं। इनमें से करीब दो हजार दुर्लभ वस्तुओं को पर्यटकों के अवलोकनार्थ संग्रहालय में प्रदर्शित किया है। इनमें हैंडीक्राफ्ट ने बनी वस्तुएं, मूर्तियां, प्राचीन सिक्के, विभिन्न हथियार, लकड़ी और हाथी दांत से बनी वस्तुएं, विभिन्न परिधान सहित अन्य वस्तुएं यहां पर्यटकों को देखने को मिलती हैं। यहां संगीत से जुड़े वाद्य यंत्र भी प्रदर्शित हैं, जो पर्यटकों के खासा आकर्षण का केंद्र रहते हैं। अधिकारियों के अनुसार यहां करीब 30 से अधिक वाद्य यंत्र है। ये सभी 19वीं शताब्दी के बताए जाते हैं। कमाल की बात यह है कि इनमें से अधिकांश अभी भी चालू हालत में है। इनका विशेषज्ञों की देखरेख में समय-समय पर संरक्षण कार्य करवाया जाता है।
ये हैं जाने-अनजाने संग्रहित वाद्ययंत्र
संग्रहालय में इकतारा, मंडोलिन, इसराज, चौतारा, तुरही, मसक बेगपाइपर, बंकियां, पूंगी, रबाब, सितार, गिटार, बिगुल, शहनाई सहित कई वाद्य यंत्र संगहित हैं।
संग्रहालय में करीब 30 से अधिक वाद्य यंत्र संग्रहित हैं जो पर्यटकों के अवलोकनार्थ संग्रहालय में प्रदर्शित है।
- मो. आरिफ, अधीक्षक, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय
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