नव विवाहिताओं का आया सिंजारा महिलाओं ने लगाई मेहंदी, तीज आज
हरे रंग की चूड़िया महिलाएं इस दिन पहनती है
यह प्रकृति से जुड़ने का पर्व है। पहाड़ों पर हर तरफ हरियाली छा जाती है।
जयपुर। रिमझिम फुहारों के बीच सिंजारे पर नवविवाहिता महिलाओं ने अपने हाथों पर मेहंदी लगवाई। रूप निखारा और सोलह शृंगार किए। ब्यूटी पॉर्लर में महिलाओं की भीड़ रही। समूह में नृत्य कर सिंजारा मनाया गया। मायके से सिंजारे पर नव विवाहिताओं और जिनकी अभी मंगनी हुई है उनके ससुराल से सुहाग की सामग्री के साथ नवीन वस्त्र, आभूषण, खिलौने, झूले की रस्सी, फल-मिठाई में घेवर सहित मिष्ठान भेजे गए। साड़ी और आभूषण को पहनकर नव विवाहिताएं और कुंवारी कन्याएं बुधवार को तीज माता का पूजन-अर्चन कर अखंड सुहाग की कामना करेंगी। ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि हरियाली तीज पर परिघ, शिव और रवि योग का संयोग बनेगा। शिव योग अगले दिन पारण तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित दुर्गादत्त शिवदत्त शास्त्री ने बताया कि हरियाली तीज सौंदर्य और प्रेम का पर्व है। यह प्रकृति से जुड़ने का पर्व है। पहाड़ों पर हर तरफ हरियाली छा जाती है। तीज सावन मास का महत्वपूर्ण पर्व है इसलिए हरे रंग की चूड़िया महिलाएं इस दिन पहनती है।
घेवर की बिक्री परवान पर
तीज-गणगौर जैसे पर्व में जयपुर घेवर की मिठास त्योहार में रौनक बढ़ाती है। समय के साथ घेवरों की पसंद में भी अब बदलाव आ गया है और देशी घी में बने चिन्नी-मिन्नी घेवर लोगों की पसंद है। संजय बाजार में 12 महीनों घेवर बेचने वाले सत्यनारायण पीतलिया बताते हैं कि ये घेवर जीरो साइज के हैं जो 1800 से 2000 रुपए किलो तक है। इनकी विशेष रुप से डिमांड हो रही है। इसी के साथ देशी घी के मीठे घेवर, मलाई और मावे के संग 700 रुपए किलो, फीके 800 रुपए किलो तक बिक रहे हैं। इसी के साथ आम, पिस्ता, रबड़ी के घेवर की भी खूब बिक्री हो रही है। घेवर मैदा, दूध व पनीर से बनते हैं। 4 से 6 घेवर मात्र 30 मिनट तक तैयार हो जाते हैं।
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