कोटा यूनिवर्सिटी की साख पर उठे सवाल

कॉलेजों ने आंतरिक मूल्यांकन के नंबर भेजे, विवि ने नहीं जोड़े, बीएससी प्रथम सेमेस्टर में दर्जनों विद्यार्थियों को किया फेल

कोटा यूनिवर्सिटी की साख पर उठे सवाल

यूनिवर्सिटी के खिलाफ महाविद्यालयों में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन।

कोटा। कोटा विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए विभिन्न परीक्षाओं के परिणामों में लगातार मिल रही खामियों से विश्वविद्यालय की साख पर सवाल खड़ा हो गया है। बीएससी प्रथम सेमेस्टर के परिणाम में दर्जनों विद्यार्थी फेल हो गए तो कईयों को बैक दे दी गई। वहीं, कई मार्कशीट में आंतरिक मूल्यांकन के नम्बर ही नहीं जोड़े गए और विद्यार्थियों को अनुपस्थित दर्शाते हुए फेल कर दिया। जबकि, जेडीबी साइंस कॉलेज ने विवि को दो बार इंटरनल एसेसमेंट के नम्बर भेज चुका है। इसके अलावा टोटल नम्बरों में गलतियां की गई। इधर, छात्रों का आरोप है कि विवि द्वारा लगातार परीक्षा परिणाम में धांधली की जा रही है। जानबूझ कर विद्यार्थियों को बैक दी जा रही है ताकि रिवेल के नाम पर पैसे वसूले जा सके। परिणाम जारी होने के साथ ही कोटा यूनिवर्सिटी के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।  

हिन्दी अनिवार्य में भी छात्राएं फेल
जेडीबी कॉलेज की बीएससी प्रथम सेमेस्टर की छात्राएं कीर्ति सुमन, कोमल महावर का कहना है कि हिन्दी अनिवार्य जैसे सब्जेक्ट में भी छात्राओं को फेल कर दिया। जबकि, इन विषयों में तो रिवेल के लिए भी एप्लाई नहीं कर सकते। प्रथम सेमेस्टर में रेगुलर व प्राइवेट को मिलाकर करीब ढाई सौ छात्राएं हैं, जिनमें से अधिकतर छात्राओं को कैमेस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी व गणित के पेपर में शून्य अंक दिए गए, जो संभव नहीं है। इसके अलावा कई मार्कशीट ऐसी भी हैं, जिसमें आरएल व एबसेंट लिखा हुआ है। 

मिडटर्म दिया फिर भी मार्कशीट में एबसेंट 
छात्रा प्रभजीत कौर व प्रीति शर्मा ने बताया कि हमने कॉलेज में मिट टर्म एग्जाम दिया था। जिसके 30 अंक मिलते हैं, जो कोटा विवि ने मार्कशीट में नहीं जोड़े। जिसकी वजह से सब्जेक्ट पेपर में आए नम्बरों के साथ आंतरिक मूल्यांकन के नम्बर नहीं जुड़ने से फेल हो गए। जबकि, कॉलेज प्रशासन द्वारा मिड टर्म के नम्बर विवि को भेजे जा चुके हैं। इसके बावजूद नम्बर अपडेट नहीं किए गए। 

छात्राओं ने कलक्ट्री पर किया प्रदर्शन
जेडीबी कॉलेज की छात्राओं ने सोमवार को विवि के खिलाफ कलक्ट्री में प्रदर्शन कर विरोध जताया। छात्रा प्रभजीत ने बताया कि कोटा यूनिवर्सिटी ने वनस्पति शास्त्र, प्राणी शास्त्र, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित और अनिवार्य हिन्दी में फेल कर दिया। वहीं, कॉलेज की तरफ से भेजे गए इंटरनल नम्बर भी नहीं जोड़े गए। विवि प्रशासन की लापरवाही से सैंकड़ों छात्राएं मानसिक तनाव झेल रही हैं। कई मार्कशीट तो ऐसी हंै जिनमें नीचे बैक लिखा और ऊपर फेल दर्शाया गया है। बाद में छात्राओं ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप समाधान की मांग की। 

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यूनिवर्सिटी व कॉलेज के चक्कर काट रहीं छात्राएं
परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर छात्राएं कॉलेज से विश्वविद्यालय तक के चक्कर काट रहीं हैं। लेकिन, सुनवाई कहीं नहीं हो रही। विवि में छात्राओं ने अंक तालिकाओं में इंटरनल एसेस्मेंट के नंबर नहीं जोड़े जाने की शिकायत की तो उन्हें कॉलेज द्वारा नम्बर नहीं भेजे जाने की बात कही गई। जब कॉलेज पहुंची तो वहां से विवि को दो बार आंतरिक मूल्यांकन के नम्बर पूर्व में भेज दिए जाने की जानकारी दी गई।  

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अंकों का टोटल भी गलत
गवर्नमेंट कॉलेज कोटा के छात्रसंघ अध्यक्ष आशीष मीणा ने बताया कि कई छात्रों की मार्कशीट में अंकों का टोटल भी गलत कर रखा है। एक सब्जेक्ट के दो पेपर में 46 और 37 नम्बर हैं, जिसका टोटल 56 अंक दर्शा रखे हैं। जबकि, 83 नम्बर होते हैं। इसकी शिकायत को लेकर जब छात्र विवि जाते हैं तो वहां रिवेल डालने के लिए कहा जाता है। जबकि, एक पेपर में रिवेल का खर्चा 300 रुपए है। अधिकतर विद्यार्थियों की आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे में एक से अधिक विषय में फेल किए गए छात्र के लिए रिवेल का खर्चा वहन करना आसान नहीं है।  

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इनका कहना है
हमारी ओर से जारी किए परीक्षा परिणाम बिलकुल सही है। इंटरनल असेस्मेंट को लेकर कोई मिस्टेक है तो दुरुस्त करवाया जाएगा। 
- प्रवीण भागर्व, एग्जाम कंट्रोलर, कोटा विश्वविद्यालय

परीक्षा परिणाम को लेकर छात्राएं परेशान हैं। शिकायत लेकर कॉलेज भी आ रहीं हैं। हमने काफी समय पहले ही आंतरिक मूल्यांकन के नम्बर विश्वविद्यालय को दो बार भेज चुके हैं। ई-मेल के जरिए और हार्डकॉपी में भी नंबर भेजे हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी ने अब तक अपडेट नहीं किए हैं। 
- प्रो. अजय विक्रम, प्राचार्य, जेडीबी साइंस कॉलेज

क्या कहते हैं विद्यार्थी
मैं बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर की छात्रा हूं। पास होते हुए भी मुझे फेल  कर रखा है। दो बार विवि गई तो लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आॅल सब्जेक्ट में भी कम अंक दे रखे हैं। 
- वंशिका, जेडीबी साइंस कॉलेज

नहीं आ सकते शून्य अंक 
मेरा बॉटनी का पेपर बहुत अच्छा रहा था। 70 में से 30 अंक मिलने की उम्मीद से मैं खुश था। लेकिन, रिजल्ट में मेरे शून्य अंक आए जो किसी भी सूरत में संभव नहीं है।  
- अभिषेक, बीएससी प्रथम सेमेस्टर, गवर्नमेंट कॉलेज कोटा

जूलॉजी में मेरे जीरो अंक आए हैं। जबकि, 10 अंक के एक प्रश्न का उत्तर बिलकुल सही था। इसके अलावा अन्य प्रश्न भी ठीक से किए थे। बॉटनी में 10 अंक आए हैं, जबकि 45 नम्बर आने चाहिए थे।  
- हरिश कुमार, बीएससी प्रथम सेमेस्टर गवर्नमेंट कॉलेज कोटा

सेमेस्टर के सभी विद्यार्थी परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट हैं। जिन विद्यार्थियों के 12वीं कक्षा में 90% नंबर हैं, उनको भी बैक दे रखी है। साथ ही कई विषयों में 00 अंक है। उत्तर पुस्तिका की जांच में धांधली की जा रही है। रिवेल के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। प्रशासन को हस्तक्षेप करते हुए एक्सपर्ट पैनल से कोपियों की पुन:जांच करवाई जानी चाहिए।
- आशीष मीणा, छात्रसंघ अध्यक्ष, गवर्नमेंट कॉलेज कोटा

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