Health Infrastructure Mission: 15 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, प्रदेश के अस्पतालों का होगा कायाकल्प
मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में एडवांस यूनिट्स खुलेंगी, मरीज-परिजन सुविधाओं पर खास फोकस रहेगा
आगामी दो साल में 150 करोड़ रुपए तो केवल जिला, उपजिला अस्पताल, सीएचसी में रिपेयरिंग-मेंटनेंस पर ही खर्च होंगे।
जयपुर। राजस्थान में मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों और चिकित्सा विभाग के अस्पतालों में मरीजों-परिजनों की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार आगामी तीन साल में 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लिए सरकार मेडिकल शिक्षा और चिकित्सा विभाग के कोर्डिनेशन से मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन चलाएगी। इसके जरिये अस्पतालों में सुपर स्पेशयलिटी यूनिट्स, भवन निर्माण, उनकी रिपेयरिंग-मेंटनेंस, चिकित्सा सेवा उपकरण-मशीनें, अस्पतालों के क्रमोन्नयन को सुविधाएं विकसित करने के काम होंगे। आगामी दो साल में 150 करोड़ रुपए तो केवल जिला, उपजिला अस्पताल, सीएचसी में रिपेयरिंग-मेंटनेंस पर ही खर्च होंगे।
अस्पतालों को क्रमोन्नत कर सुविधाएं देंगे
चौहटन, नदबई, बाली, सोजत, लोहावट में जिला अस्पताल होंगे। जयपुर के सांगानेर, झालावाड़ के झालारापाटन के सैटेलाइट अस्पताल जिला अस्पताल बनेंगे। उदयपुर के भिंडर सीएचसी को जिला अस्पताल में बदला जाएगा। चूरू के गढ, जोधपुर के सूरसागर में शहरी पीएचसी को सैटेलाइट अस्पताल में बदला जाएगा। एक दर्जन जिलों में सीएचसी को सैटेलाइट अस्पताल में विकसित करेंगे। इसी तरह 300 करोड़ की लागत से 7 जिलों के जिला अस्पतालों, 10 उप जिला अस्पतालों, 9 सीएचसी के भवन निर्माण होंगे।
एसएमएस में आईपीडी टॉवर में 200 करोड़
एसएमएस अस्पताल में आईपीडी आयुष्मान टॉवर में सुविधाओं पर 200 करोड़ खर्च होंगे। राशि से उपकरण, सुविधाएं, वाहन पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
RUHS सहित अन्य में सुपर स्पेशयलिटी सेवाओं पर 200 करोड़
यहां सुपर स्पेशयलिटी सेवाएं विकसित होंगी। इस पर 200 करोड़ खर्च होंगे। इसके अलावा विभिन्न मेडिकल कॉलेज में भी यह सेवाएं विकसित होंगी।
अस्पतालों में सभी जांचों को ओएसएम मॉडल लागू होगा
मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में अभी भी कई जांचों की सुविधाएं नहीं है। इनके लिए मरीजों को अन्यत्र पैसे खर्च करने पड़ते हैं। यहां प्राइवेट प्लेयर्स के जरिये आउट सोर्स मॉडल यानी ओएसएम पर जांच लैबें चालू की जाएगी।
पांच मेडिकल कॉलेज में स्पाइनल इंजरी सेंटर बनेंगे
पांच मेडिकल कॉलेजों बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा में स्पाइनल इंजरी सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इससे स्पाइनल इंजरी का इलाज वहीं उपलब्ध हो सकेगा। इसपर 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
अजमेर में सुपर स्पेशयलिटी ब्लॉक बनेगा
जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आधुनिक सुपर स्पेशयलिटी ब्लॉक बनेगा। इससे संभाग के मरीजों को जयपुर रैफर करने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
दुर्लभ बीमारी इलाज को जेके लोन में सेंटर
बच्चों में कई दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए अभी मरीजों को दिल्ली, मुंबई जाना पड़ता है। जयपुर के जेके लोन अस्पताल में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मेडिकल जेनेटिक्स बनेगा। इसके लिए 22 करोड़ खर्च होंगे।
SMS में रूमेटोलॉजी लैब, जोधपुर में सुविधाएं
एसएमएस मेडिकल में गठिया सहित जोड़ दर्द यानी रूमेटोलॉजी इलाज जांच को लैब व पैलियेटिव लैब बनेगी। ईएनटी विंग एडवांस होगी। जोधपुर के मथुरादास अस्पताल में मरीजों की बेसिक सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
गंगानगर में कैंसर विंग, कुचामन में कार्डियक यूनिट
बीकानेर संभाग में कैंसर की बीमारी बड़ी तदाद में है। श्रीगंगानगर में इलाज को कैंसर विंग खोली जाएगी। बीकानेर में प्रसव वार्ड, अलवर में शिशु विभाग, कुचामन में कार्डियक यूनिट खुलेगी।
29 अस्पतालों में मां के दूध की यूनिट्स बनेगी
जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों को मां का दूध मिल सके, इसके लिए प्रसव के बाद गर्भवती से मां का दूध बैंक संचालित है। ऐसे ही लक्टेशन मैनजमेंट यूनिट्स प्रदेश के 29 अस्पतालों में खोले जाएंगे।
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