सड़कों पर खड़ा खतरा, आदेश का भी नहीं दिखा असर

सड़कों पर अभी भी लगा है मवेशियों का जमघट

सड़कों पर खड़ा खतरा, आदेश का भी नहीं दिखा असर

यहां भी अंडरपास से आने-जाने वाले वाहन चालकों को मवेशियों के झुंड के कारण समस्या का सामना करना पड़ा।

कोटा । बरसात के सीजन में शहर की सड़कों पर लावारिस मवेशियों के कारण हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला कलक्टर द्वारा नगर निगम आयुक्तों को दिए गए कार्रवाई के आदेश का असर अभी तक नहीं दिखा है। शहर में बुधवार को भी हर मेन रोड से लेकर चौराहों तक पर मवेशियों के झुंड नजर आ रहे हैं। जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने दो दिन पहले अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें कोटा उत्तर व दक्षिण के आयुक्तों को आदेश दिए थे कि शहर की सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए तीन दिन में विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। जिससे इन मवेशियों के कारण होने वाले हादसों को रोका जा सके। हालत यह है कि जिला कलक्टर द्वारा आदेश दिए दो दिन का समय हो चुका है लेकिन उसका असर अभी भी पूरी तरह से नहीं दिख रहा है। शहर में बुधवार को नयापुरा स्थित विवेकानंद चौराहे से लेकर कलक्ट्री तक, सीएडी चौराहे से लेकर दादाबाड़ी मेन रोड तक, कोटड़ी चौराहे से लेकर गुमानपुरा तक हर तरफ जगह-जगह मवेशी ही मवेशी नजर आ रहे थे। कहीं बीच रास्ते में झुंड बनाकर खड़े हुए तो कहीं बीच रास्ते में बैठे हुए थे। जिससे वाहन चालकों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा। सीएडी रोड पर तो इतने अधिक मवेशी थे कि वाहन चालकों के हॉर्न बजाने के बाद भी नहीं हटे। जिससे वहां वाहनों की कतार तक लग गई। यही हाल डीसीएम रोड व नई धानमंडी के सामने रहा। यहां भी अंडरपास से आने-जाने वाले वाहन चालकों को मवेशियों के झुंड के कारण समस्या का सामना करना पड़ा। 

भागते-दौड़ते सांड, हादसों का खतरा
शहर में मेन रोड पर मवेशियों के झुंड लगे हुए हैं। उनमें सांडों की संख्या भी काफी अधिक है। हालत यह है कि नई धानमंडी के सामने और गुमापनुरा  इंदिरा गांधी सर्किल के पास बुधवार को दिन में कई सांड एक दूसरे के पीछे ऐसे भाग रहे थे जैसे लडने की फिराक में हो। उन्हें देखकर कई वाहन चालक साइड में हो गए। जिससे हादसों का खतरा बना रहा। कई लोग तो उनसे बचने के लिए दुकानों तक में घुस गए। 

निगम का दावा, कर रहे कार्रवाई
इधर नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि  लावारिस मवेशियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। जिला कलक्टर के आदेश के बाद मवेशियों को शहर से बाहर खदेड़ना शुरू कर दिया है। नगर निगम कोटा उत्तर के राजस्व अधिकारी मोहित अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले दो दिन से रात  व दिन के समय मवेशियों को घेरकर शहर से बाहर खदेड़ा जा रहा है। नयापुरा, कुन्हाड़ी व थर्मल रोड से दो दिन में करीब 150 से 175 मवेशियों को शहर से बाहर खदेड़ा गया है। साथ ही करीब 50 गौवंश को निगम की गौशाला में भी बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि करीब 7 दिन तक यह अभियान चलेगा। 

लगातार खदेड़ रहे
 लावारिस मवेशियों को सड़कों से बाहर खदेड़ा जा रहा है। दो दिन में कई मवेशियों को शहर से बाहर किया गया है। साथ ही मवेशियों को गौशाला में भी बंद किया गया है। यह कार्यवाही लगातार जारी है।  हालांकि सूत्रों के अनुसार कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र से 23 अगस्त को 7 गौवंश को गौशाला में रखा गया था। उसके बाद बुधवार शाम तक इस क्षेत्र से कई गौवंश गौशाला में नहीं  लाया गया।  
- महावीर सिंह सिसोदिया, उपायुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण 

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गौशाला में जगह की कमी
शहर की सड़कों से मवेशी हटने चाहिए लेकिन उन्हें रखने के लिए गौशाला में पर्याप्त जगह ही नहीं है। गौशाला विस्तार के लिए जो जमीन मिलनी है उस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है। सिंह ने बताया कि जिला कलक्टर ने कार्रवाई के आदेश तो दे दिए लेकिन न तो उन्होंने और न ही दोनों निगमों के आयुक्तों ने गौशाला की विजिट कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। अधिकारी मौका निरीण करें तो उन्हें हकीकत पता चले। हालांकि जिला कलक्टर के आदेश से जिले की निजी गौशालाओं को करीब 400 गौवंश शिफ्ट किए जा चुके हैं। 
- जितेन्द्र सिंह अध्यक्ष, गौशाला समिति. नगर निगम कोटा दक्षिण 

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