भवन निर्माण की स्वीकृति बनी औपचारिकता, बैठक ही नहीं
एक साल से नहीं हुई भवन निर्माण स्वीकृति समिति की बैठक
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले ही इस समिति की बैठक हुई थी।
कोटा । शहर में रोजाना नए नए मकान बन रहे हैं व निर्माण कार्य हो रहे हैं। निर्माण कर्ता नगर निगम में स्वीकृति के लिए आवेदन भी कर रहे हैं लेकिन उन्हें स्वीकृति ही नहीं मिल रही है। जिससे वे बिना स्वीकृति के ही निर्माण कर रहे हैं। राज्य सरकार के बिल्डिंग बायलाज के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि निर्माण कार्य करता है तो उसे नगर निगम या नगर विकास न्यास से निर्माण स्वीकृति लेनी पड़ती है। नगर निगम क्षेत्र में निगम से और न्यास क्षेत्र में न्यास से स्वीकृति लेना आवश्यक है। पहले जहां निर्माण स्वीकृति के लिए लोगों को आॅफलाइन आवेदन करना होता था। वहीं अब इस प्रक्रिया को आॅनलाइन कर दिया गया है। निर्माण कर्ता ई मित्र के माध्यम से आॅनलाइन आवेदन करना होता है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने पर नियमानुसार 15 से 20 दिन में स्वीकृति जारी कर दी जाती है। लेकिन निगम में कई फाइलें एक साल से अधिक समय से अटकी हुई है।
500 मीटर से अधिक से अधिक के भूखंड पर समिति देती है स्वीकृति
राज्य सरकार के नियमानुसार 500 मीटर से अधिक के भूखंÞड पर यदि कोई निर्माण करता है तो उसके लिए निर्माण की स्वीकृति भवन निर्माण स्वीकृति समिति द्वारा दी जाती है। राज्य सरकार ने इसके लिए महापौर की अध्यक्षता में समिति का गठन किया हुआ है। कोटा दक्षिण में दो साल पहले समिति का गठन किया गया था। जबकि 500 मीटर से कम के भूखंड पर डीटीपी के स्तर पर निर्माण स्वीकृति जारी की जाती है। यह स्वीकृति एम्पावर कमेटी के माध्यम से दी जाती है।
दो से तीन माह में बैठक का प्रावधान: नगर पालिका अधिनियम के तहत हर दो से तीन माह में निर्माण स्वीकृति समिति की बैठक होना आवश्यक है। लेकिन हालत यह है कि कोटा दक्षिण निगम में करीब एक साल से अधिक समय हो गया अभी तक निर्माण स्वीकृति समिति की बैठक ही नहीं हुई है। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले ही इस समिति की बैठक हुई थी। उसके बाद से बैठक नहीं हुई। कभी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता तो कभी अधिकािरयों के स्थानांतरण होने से बैठक नहीं हो सकी।
500 मीटर अधिक निर्माण की 7 फाइलें लम्बित
नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र में 500 मीटर से अधिक के भूखंड पर निर्माण स्वीकृति की 7 पत्रावलियां लम्बित हैं। जबकि इससे कम के भूखंड पर निर्माण की 22 पत्रावलियां लम्बित हैं।
स्वीकृति नहीं मिलने पर भी निर्माण जारी
महावीर नगर विस्तार योजना निवासी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जब आवेदन कर्ता द्वारा निर्माण के लिए आॅनलाइन आवेदन कर दिया जाता है तो निगम व न्यास को समय पर स्वीकृति जारी करनी चाहिए। स्वीकृति के लिए राशि भी जमा होती है। लेकिन निगम व न्यास समय पर स्वीकृति जारी नहीं करते। ऐसे में लोगों द्वारा निर्माण करवाना गलत नहीं है। इसमें उनकी गलती नहीं है। बिना स्वीकृति निर्माण कर रहे हैं तो गलत है। तलवंडी निवासी महावीर सुमन का कहना है कि जब निर्माण स्वीकृति की आॅनलाइन प्रक्रिया शुरू की है तो समय पर स्वीकृति मिलनी चाहिए। स्वीकृति समय पर जारी नहीं करके निगम अधिकारी गलती कर रहे हैं फिर बाद में निर्माण कर्ता की गलती बताकर व निर्माण को अवैध बताकर उसे तोडने की कार्यवाही करते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। जवाहर नगर निवासी महेश सिंघल का कहना है कि एक से डेढ़ साल हो गया बोर्ड की बैठक ही नहीं हो रही निर्माण समिति की बैठक एक साल से नहीं होना कोई बड़ी बात नहीं है।
पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता जल्दी-जल्दी लगने से निर्माण समिति की बैठक नहीं हो सकी। हालांकि निर्माण संबंधी अधिक पत्रावलियां लम्बित नहीं है। फिर भी जो पत्रावलियां हैं उनका निस्तारण करने के लिए शीघ्र ही समिति की बैठक की जाएगी।
-राजीव अग्रवाल, महापीर व अध्यक्ष भवन निर्माण स्वीकृति समिति, नगर निगम कोटा दक्षिण
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