जयपुर ग्रेटर निगम से निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर को हाईकोर्ट से झटका, निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
जयपुर ग्रेटर नगर निगम के मेयर पद से निलंबित सौम्या गुर्जर को राजस्थान हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सौम्या गुर्जर की निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है और उनके सस्पेंशन को बरकरार रखा है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि निलंबन आदेश पर कोर्ट कोई दखल नहीं कर रही है। वहीं मामले में चल रही न्यायिक जांच को 6 माह में पूरा करने के आदेश दिए हैं।
जयपुर। जयपुर ग्रेटर नगर निगम के मेयर पद से निलंबित सौम्या गुर्जर को राजस्थान हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सौम्या गुर्जर की निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है और उनके सस्पेंशन को बरकरार रखा है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि निलंबन आदेश पर कोर्ट कोई दखल नहीं कर रही है। वहीं मामले में चल रही न्यायिक जांच को 6 माह में पूरा करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश दिए।
सौम्या गुर्जर की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि निगम आयुक्त की ओर से राज्य सरकार को भेजी शिकायत और दर्ज कराई गई एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम ही नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से जुड़े प्रकरण की जांच आरएएस अधिकारी को सौंप दी और जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया। वहीं जांच रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने तत्काल न्यायिक जांच के आदेश देते हुए याचिकाकर्ता को महापौर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया।
याचिका में कहा गया कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 39 में बताए गए दुर्व्यवहार के आधार पर याचिकाकर्ता को हटाया गया है, लेकिन अधिनियम में दुर्व्यवहार शब्द को परिभाषित ही नहीं किया गया है। दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जांच अधिकारी क्षेत्रीय निदेशक स्तर की अधिकारी है। उन्होंने मामले में स्वतंत्र जांच की है। सरकार याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना प्रारंभिक जांच के आधार पर कार्रवाई कर सकती है। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को नोटिस दिया गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। याचिकाकर्ता न्यायिक जांच के दौरान अपना पक्ष रख सकती हैं।
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