राजस्थान उपचुनाव : गठबंधन नहीं हुआ तो 3 सीटों पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला
BJP ने पहले ही दोनों दलों से समझौता नहीं करने की बात कही है
भारतीय आदिवासी पार्टी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी इन दोनों दलों को कांग्रेस मना नहीं पाई तो खींवसर व चौरासी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होना लगभग तय है।
जयपुर। राजस्थान में अक्टूबर माह में प्रस्तावित 7 सीटों पर उपचुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा इस बार दो तीसरे दल भी चर्चा में है। इनमे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारतीय आदिवासी पार्टी शामिल है। लोकसभा चुनाव में इन दोनों ही पार्टी से कांग्रेस ने गठबंधन किया था और डूंगरपुर- बांसवाड़ा लोकसभा सीट भारतीय आदिवासी पार्टी और नागौर लोकसभा सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को गठबंधन में दी थी। इसके चलते भारतीय जनता पार्टी को इन दोनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
प्रदेश से पहली बार भारतीय आदिवासी पार्टी का लोकसभा में खाता खुला और राजकुमार रोत यहां से सांसद बने। वही नागौर में पिछली बार लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के साथ था, लेकिन पिछले चुनाव में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से लोकतांत्रिक पार्टी का गठबंधन हुआ। यहां हनुमान बेनीवाल एक बार फिर से सांसद चुने गए। बेनीवाल और राजकुमार दोनों ही क्रमशः खींवसर और चौरासी विधानसभा से विधायक थे। अब इन दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं लेकिन दोनों दलों का कांग्रेस से इस बार गठबंधन विधानसभा में भी जारी रहने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही दोनों दलों से समझौता नहीं करने की बात कही है। ऐसे में अगर कांग्रेस इन दोनों दलों को मना नहीं पाई, तो खींवसर व चौरासी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होना लगभग तय है। वहीं सलूंबर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा का पिछले दिनों निधन हो गया था। यह सीट उदयपुर संभाग के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में है। इस सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी चुनाव लड़ने के मूड में है । ऐसे में यहां भी त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी उम्मीद है।
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