
बिसात पर दिग्गजों को चुनौती दे रहे हैं नन्हे शातिर
पहली बार जयपुर में खेली जा रही है नेशनल अमेच्योर शतरंज चैंपियनशिप, राजस्थान के 182 खिलाड़ी
कोविड काल में सीखी शतरंज,अब नेशनल में उतरे
जयपुर। पहली बार जयपुर में खेली जा रही नेशनल अमेच्योर शतरंज चैंपियनशिप में जहां विक्रम माखीजा, मुकेश मण्डलोई, आयुष जैन और अर्पित सक्सेना सरीखे राजस्थान के सीनियर खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, वहीं कई नन्हे शातिर भी शतरंज की बिसात पर दिग्गजों को चुनौती देते देखे जा सकते हैं। वैशाली नगर स्थित एक निजी रिसोर्ट में चल रही इस प्रतियोगिता में 26 राज्यों के पांच सौ से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 182 खिलाड़ी राजस्थान से हैं। राजस्थान शतरंज एसोसिएशन के सचिव अशोक भार्गव के अनुसार पहली बार यहां हो रही इस प्रतियोगिता के जरिए प्रदेश के खिलाड़ियों को अपनी रेटिंग बढ़ाने का मौका मिलेगा।
कोविड काल में सीखी शतरंज,अब नेशनल में उतरे
उदयपुर के मात्र सात साल के विहान सिंह अंडर-1700 रेटिंग वर्ग में अपने से कहीं सीनियर खिलाड़ियों को चुनौती दे रहे हैं। विहान टूर्नामेंट में अभी नॉन रेटेड खिलाड़ी हैं। तीसरी कक्षा के छात्र विहान ने बताया कि दो साल पहले लॉकडाउन के दौरान फिजिकल एक्टिविटी बन्द थी। मेंटल एक्टिविटी के तौर पर ऑनलाइन शतरंज शुरू की। रुचि बढ़ी तो उदयपुर के ही एक शतरंज खिलाड़ी से ऑनलाइन ट्रेनिंग ली। विहान इसी साल बांसवाड़ा में हुई अंडर-8 स्टेट चैंपियनशिप में तीसरे स्थान पर रहे। अपने आयु वर्ग में विहान जिला स्तर की प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे।
आरोही को विरासत में मिला शतरंज का खेल
टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही आठ साल की आरोही शर्मा को तो शतरंज का खेल विरासत में मिला है। पिता तरुण शर्मा राजस्थान के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं। आरोही ने शतरंज की ट्रेनिंग पिता से ही ली और तीन साल से राजस्थान की स्टेट चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही है। एमपीएस इंटरनेशनल स्कूल की छात्र आरोही इसी साल राजस्थान स्टेट चैंपियनशिप में अंडर-10 आयु वर्ग का खिताब जीत चुकी है, वहीं अंडर-14 चैंपियनशिप में वह तीसरे स्थान पर रही। आरोही का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करना है।
दिल्ली कॉमनवेल्थ शतरंज में 7वें स्थान पर रही आशी
अंडर-1700 रेटिंग वर्ग में हिस्सा ले रही जयपुर की आशी उपाध्याय मात्र 13 साल की है लेकिन अंडर-11 और अंडर-13 वर्ग में स्टेट चैंपियन बन चुकी है। आशी मौजूदा टूर्नामेंट में तीन दौर के बाद 2.5 अंकों के साथ सातवें स्थान पर चल रही है। आशी ने बताया कि शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनन्द की पुस्तक से प्रेहित होकर खेल की शुरुआत की और अब तक वह दस नेशनल टूर्नामेंटों में हिस्सा ले चुकी है। दिल्ली में 2018 में हुई कॉमनवेल्थ शतरंज में आशी अंडर-10 वर्ग में सातवें स्थान पर रही। आशी के पिता ललित शर्मा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं और जयपुर में ही तैनात हैं।
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