शिक्षा का मंदिर बदहाल: बारिश में टपकता है पानी

सादेड़ा राउमावि का हाल, तीन कक्षाओं के बच्चों को खुले में पढ़ाई करवाने की मजबूरी

शिक्षा का मंदिर बदहाल: बारिश में टपकता है पानी

बारिश के समय पांच कक्षों की छत टपकने की समस्या एक हॉल सहित बरामदे की छत जर्जर हालत में है।

भण्डेड़ा। क्षेत्र में सादेड़ा के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल भवन जर्जर हो रहा है। बरसात में कक्षाओं में छतों से पानी टपकता है। ऐसे में पढ़ाई करना मुश्किल हो रहा है। कक्षा कक्षों की कमी के चलते तीन कक्षाएं खुले में बैठकर शिक्षा ग्रहण करवाने की मजबूरी बनी हुई है। इनमें से भी बारिश के समय पांच कक्षों की छत टपकने की समस्या एक हॉल सहित बरामदे की छत जर्जर हालत में है। शाला में चल रही कक्षा-कक्षों की समस्या को लेकर संबंधित विभाग को समय-समय पर अवगत भी करवाते आ रहे है। शाला परिवार की समस्या जस की तस बनी हुई है। जानकारी के अनुसार सादेड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 1-12 तक कक्षाएं संचालित है। पर कक्षा-कक्ष सात है। इनमें भी बारिश के समय पांच कक्षों की छत टपकती है। कक्षों की दीवारों में सीलन आ रही है। एक हॉल व कक्ष के सामने बरामदे की छत जर्जर हालात में है। छत में लगा आरसीसी का सरिया तक गला हुआ नजर आ रहा है। प्लास्तर गिर जाने से सरिया भी गलने से कुछ जगह सरिए ही नजर आने लगे है। यहां पर हर समय स्कूली बच्चों सहित शालाध्यापकों का आवागमन बना रहता है। जो शाला परिवार खतरे के साए शिक्षण कार्य कर रहे है। शालास्तर पर समय-समय पर  संबन्धित विभाग को अवगत करवाया जा रहा है। पर संबंधित जिम्मेदार इस समस्या को गहनता से नही ले रहे है। जो यहां पर कभी भी दुर्घटना दस्तक दे सकती है। गनीमत है कि शाला परिवार की सतर्कता के चलते अभी तक कोई जनहानि नहीं हुई है।

खुले में अध्ययनकी मजबूरी
शाला में जिम्मेदार की सतर्कता से जर्जर छत के कारण कक्षा-3 व कक्षा-6 व कक्षा-7 वीं को खुले में एवं परिसर के पेड़ों की छाया में बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है। खुले में शिक्षा ग्रहण के समय बारिश आने पर अन्य कक्षाओं के साथ शामिल करके व्यवस्था बिठाई जाती है। जिससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित होता है। संबंधित विभाग शाला परिवार की समस्या को लेकर चिंतित नहीं है। जो स्कूली बच्चों सहित स्टॉफ को भी शैक्षिक प्रक्रिया में परेशानी का सामना करना पड़ता है। मजबूरन कुछ कक्षाओं को खुले में बैठकर शिक्षण करना पड़ता है।

इनका कहना हैं 
मुझे यहां पर आए तीन माह ही हुए है। एक हॉल व बरामदे की छत जर्जर होने से कही कोई अनहोनी घटना घटित नही हो। उसे लेकर दोनों जगहों पर छात्र-छात्राओं को नही बिठाते है। मैं यहा पर आई हूँ, तभी से संबंधित विभाग को समस्या से अवगत करवाया गया है। संबंधित विभाग से कक्षाकक्षों की कमी को लेकर मांग की गई है। पर अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
-राजकिरण मीणा, प्रधानाचार्या राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सादेड़ा 

मरम्मत की जरूरत वाले विद्यालयों की सेक्शन आ गई। दो-दो लाख रुपए वितरण करेंगे। इनसे जल्द भवन की मरम्मत करवाई जाएगी। 
-राजेंद्र व्यास, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग बूंदी

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