कागज की किल्लत से संकट में कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग, हजारों फैक्ट्रियों पर खतरा
कागज की कीमतों में 20-25% तक की वृद्धि
आयातित रद्दी ओसीसी वेस्टेज की कमी और शिपिंग कंपनियों द्वारा भाड़े में बढ़ोतरी से स्थिति और गंभीर हो गई है।
जयपुर। पैकेजिंग और एसेसरीज उद्योग कागज की कमी और कीमतों में भारी वृद्धि के कारण गंभीर संकट में है। पेपर मिलों द्वारा कागज की कीमतों में 20-25% तक की वृद्धि ने कोरोगेटेड बॉक्स निर्माताओं को पेपर मिलों और ग्राहकों के बीच सैंडविच बना दिया है। ऑल राजस्थान कोरोगेटेड बोर्ड एंड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, हेमेंद्र अग्रवाल ने बताया कि कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि इंडस्ट्री के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर रही है और इसके दूरगामी प्रभाव मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और रोजगार पर भी पड़ सकते हैं।
आयातित रद्दी ओसीसी वेस्टेज की कमी और शिपिंग कंपनियों द्वारा भाड़े में बढ़ोतरी से स्थिति और गंभीर हो गई है। अग्रवाल ने सरकार और उद्योगपतियों से इस संकट का समाधान खोजने की अपील की है, अन्यथा राजस्थान की 1200 से अधिक फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर पहुंच सकती हैं, जिससे 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी योजनाओं पर भी असर पड़ेगा।
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