असर खबर का - कोटा पहुंची 1494 मीट्रिक टन डीएपी की रैक
बुवाई में जुटे किसानों को मिलेगी राहत
समाचार प्रकाशित होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने डीएपी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास तेज कर दिए थे।
कोटा। जिले में डीएपी खाद की किल्लत झेल रहे किसानों को अब राहत मिलने लगी है। गुरुवार को दो कम्पनियों की लगभग 1494 मीट्रिक टन डीएपी खाद कोटा पहुंची। किसानों की डिमांड को देखते हुए कृषि विभाग ने डीएपी का वितरण शुरू करवा दिया है। कोटा जिले सहित संभाग में रबी फसलों की बुवाई का कार्य गति पकड़ने लगा है। बुवाई के दौरान किसानों को डीएपी की जरूरत होती है। इसलिए इसकी मांग बढ़ गई है। मांग की तुलना में पूर्व में डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। इस कारण किसानों को परेशानी हो रही थी। अब डीएपी की आपूर्ति होने लगी है। इससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है।
लोकसभा अध्यक्ष ने दिए थे निर्देश
कुछ दिनों से लगातार सामने आ रही खाद की कमी को लेकर जनप्रतिनिधि व किसान प्रतिनिधियों ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से वार्ता कर डीएपी की समस्या से अवगत करवाया था। इसके बाद बिरला के निर्देश पर आईपीएल कम्पनी की 800 मीट्रिक टन और एक अन्य कम्पनी की 694 मीट्रिक टन डीएपी खाद कोटा पहुंची। बिरला ने केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय के उच्च अधिकारियों को अतिरिक्त डीएपी की आपूर्ति के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कृषि विभाग अधिकारियों को कहा कि वे डीएपी आपूर्ति की मॉनिटरिंग करें और साथ ही स्थानीय उत्पादकों के माध्यमों से मार्केटिंग सोसायटी को पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं।
नवज्योति ने उठाया था मामला
जिले में किसानों द्वारा डीएपी खाद के लिए भागदौड़ करने के सम्बंध में दैनिक नवज्योति के 13 अक्टूबर के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। इसमें बताया था कि रबी फसलों की बुवाई का दौर शुरू हो गया है। इस कारण डीएपी खाद की मांग में तेजी आ गई है। मांग के अनुरूप खाद की उपलब्धता कम होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं किसानों द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक खाद खरीदने से किल्लत हो रही है। जिले में डीएपी के लिए हो रही मशक्कत को देखते हुए कृषि विभाग ने डीएपी खाद लेने की मात्रा निर्धारित कर दी है। समाचार प्रकाशित होने के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने डीएपी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास तेज कर दिए थे।
रैक आते ही वितरण प्रक्रिया शुरू
कृषि मुख्यालय के सहायक निदेशक राजवीर सिंह ने बताया कि रैक के कोटा पहुंचते ही विभाग की ओर से वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग की ओर से निरन्तर मॉनिटरिंग की जा रही है। अगले कुछ दिनों में आपूर्ति में इजाफा होने से स्थिति में भी सुधार होगा। विभाग द्वारा किसानों से डीएपी- यूरिया का अनावश्यक स्टॉक नहीं करने के साथ दलहन और तिलहन में डीएपी के विकल्प के तौर पर एसएसपी और यूरिया का उपयोग करने का आग्रह किया, इससे उत्पादन अच्छा होगा साथ ही जमीन की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित नहीं होगी।
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