प्रदेश का एनएच पर हादसों में देश में 9वां स्थान, रोक लगाने के लिए 65 ब्लैकस्पॉट किए चिह्नित
टेण्डर प्रक्रिया जारी है
अब सैकंड फेज में 25 ब्लैक स्पॉट के लिए 608.83 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें 16 स्पॉट के लिए टेण्डर आमंत्रित किए गए है, जबकि 9 के लिए टेण्डर प्रक्रिया जारी है।
जयपुर। प्रदेश से गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर एक साल में करीब पर 6500 सड़क हादसे हो रहे है, हादसों में राजस्थान का देश में 10वां स्थान है। इन हादसों पर रोक लगाने के लिए 65 ब्लैकस्पॉट चिह्नित किए गए। एनएचएआई की रिपोर्ट के अनुसार चिह्नित ब्लैक स्पॉट में से पहले चरण में 812.64 करोड़ की लागत से 40 ब्लैक स्पॉट की खामियों को दुरुस्त करने के लिए कार्य शुरू किया गया, इसमें चार का कार्य पूरा कर लिया गया, जबकि 36 का काम जारी है। इसके अलावा अब सैकंड फेज में 25 ब्लैक स्पॉट के लिए 608.83 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें 16 स्पॉट के लिए टेण्डर आमंत्रित किए गए है, जबकि 9 के लिए टेण्डर प्रक्रिया जारी है।
पांच हाइवे पर खतरनाक स्पॉट
एनएचएआई ने जिन स्पॉट की खामियां दूर करने की सैकंड फेज में योजना स्वीकृत की है, उसमें जयपुर-टोंक-देवली एनएच-52, सवाईमाधोपुर-पिंडवाड़ा-उदयपुर एनएच-27, किशनगढ़-अजमेर-ब्यावर एनएच 48, किशनगढ़-गुलाबपुरा एनएच-79 और चित्तौडगढ़-उदयपुर एनएच 76 शामिल है, जिन पर खतरनाक ब्लैक स्पॉट है।
पहले चरण में 812.64 करोड़ की लागत
एनएच पर पहले चरण में 40 ब्लैक स्पॉट के लिए 812.64 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। इसमें जयपुर-किशनगढ़ एनएच 48 के चार स्पॉट का काम पूरा कर लिया गया, जबकि पांच स्पॉट के लिए जुलाई में वर्कऑर्डर दिए गए। इसके अलावा शेष का कार्य अंतिम चरणों में है।
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