...और भाई-बहनों के छलक पड़े आंसू
भाई दूज पर बहनों ने भाइयों के केन्द्रीय कारागार में किया तिलक, लिया फिर कभी अपराध नहीं करने का वचन
बहिनों के आंखों में आंसू देखकर भाई भी अपने आपको नहीं रोक सके, उनकी भी रुलाई फूट गई
जयपुर। रक्षाबंधन हो या भाई दूज बहनें अपने भाई को राखी बांधना और तिलक करना नहीं भूलती हैं। यदि भाई किसी अपराध में जेल में बंद भी है तो बहिन मिलने के लिए जेल परिसर जाने से भी नहीं चूकती हैं। कुछ ऐसे ही दृश्य भाई दूज के अवसर पर रविवार को केन्द्रीय कारागार में सुबह आठ बजे से शाम साढ़े चार बजे तक देखने को मिले। बड़ी संख्या में अपने पति, पुत्रों और माता-पिता के साथ आई बहिनों ने कारागार में प्रवेश करने तक तो अपने जज्बात दिल के अन्दर कैद रखे, लेकिन जैसे ही तिलक किया, उसी के साथ आंखों में कैद मोती बिखर गए। बहिनों के आंखों में आंसू देखकर भाई भी अपने आपको नहीं रोक सके, उनकी भी रुलाई फूट गई। इस दौरान बहनों ने भाइयों से कभी भी अपराध नहीं करने का वचन लिया। जेल प्रशासन ने भाई दूज के लिए विशेष इंतजाम कर रखे थे। गौरतलब है कि जेल प्रशासन की ओर से रक्षाबंधन के अवसर पर भी राखी बांधने के विशेष इंतजामात किए जाते हैं।
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