अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्शन कमीशन को सता रहा डर, सुरक्षित काउंटिंग बड़ी चुनौती
उनके वोटर को वोट देने से रोकने की साजिश चल रही है
इनके बीच अमेरिका का चुनाव आयोग भी इन हालात के मद्देनजर सतर्क है और खुद पर उठ रहे सवालों का जवाब देने की कोशिश कर रहा है।
फीनिक्स। अमेरिका में इस बार प्रेसिडेंट चुनाव अब तक का ना सिर्फ सबसे नजदीकी चुनाव बताया जा रहा है बल्कि अभी से विवादित और कई आशंका से भरने लगा है। पूरे चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं और अभी से खासकर डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाली रिपब्लिकन पार्टी सार्वजनिक मंचों से आरोप लगा रही है कि उनके वोटर को वोट देने से रोकने की साजिश चल रही है। इनके बीच अमेरिका का चुनाव आयोग भी इन हालात के मद्देनजर सतर्क है और खुद पर उठ रहे सवालों का जवाब देने की कोशिश कर रहा है।
जब यहां चुनाव काम में लगे अधिकारियों से बात की तो उनके बीच अभी से बेचैनी साफ दिखी और पूरा सिस्टम तनाव में दिखा। अमेरिका में डिपार्टमेंट आॅफ स्टेट के फॉरेन प्रेस सेंटर ने इस चुनाव में कवरेज के लिए एक पोर्टल को भी खास आमंत्रण दिया है। पूरे अमेरिका में 5 नवंबर को वोटिंग होने वाली है। अगले दिन वोटों की गिनती होगी।
यहां चुनाव आयोग के अधिकारी मानते हैं कि जिस तरह से अभी से सोशल मीडिया पर प्रोपेगंडा के किससे गढ़े जा रहे हैं,उनके लिए 5 नवंबर को वोटिंग करवाना और उसके बाद सुरक्षित काउंटिंग करवाना बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। अमेरिकी के सबसे बड़े जिलों में एक काउंटी केप चुनाव मैनेजमेंट के चीफ इनफार्मेशन आॅफिसर नेट यंग ने स्वीकार किया कि 2020 में हुए प्रेसीडेंट चुनाव के बाद हालात बदल गये हैं। पूरे सिस्टम पर गहरे सवाल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी अधिक खतरनाक और गंभीर है क्योंकि इस बार आरोप लगाने वाले सामान्य लोग या कोई अदना सोशल मीडिया ट्रोल नहीं हैं बल्कि शीर्ष लोग हैं। उनका इशारा रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रम्प और सोशल मीडिया कंपनी एक्स के मालिक एलन मस्क की तरफ था जो लगातार चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
काउंटिंग के लिए सुरक्षा
2020 में हुए विवाद का असर इस बार अमेरिकी चुनाव पर देखा जा रहा है। चुनाव कार्य में लगे अधिकारियों ने माना कि इस बार कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। यही कारण है कि प्रशासन वोटिंग के दिन अब तक के सबसे कड़े सुरक्षा इंतजाम करने जा रहा है। चुनाव आयोग के अधिकारी नेट यंग ने कहा कि कर्मचारियों को तनाव से बाहर निकालने ही लिए काउंसलिंग की जा रही है। यही हालात अमेरिका के दूसरे राज्यों से भी आ रही है। साथ ही चुनाव आयोग की ओर से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही तमाम अपवाहों पर नजर रखने के लिए खास टीम बनाई गई गई। चुनाव अधिकारियों ने कहा कई हर दिन कई ऐसी गंभीर अफवाह के बारे में एफबीआई को जानकारी दी जा रही है।
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