कश्मीर में धारा 370 की बहाली को लेकर कांग्रेस नेताओं का दोहरा चरित्र हुआ उजागर : राठौड़

ये धारा अब वापस खड़ी होने वाली नहीं है

कश्मीर में धारा 370 की बहाली को लेकर कांग्रेस नेताओं का दोहरा चरित्र हुआ उजागर : राठौड़

राहुल गांधी और इनके नेताओं द्वारा लगातार पिछले कई सालों से भारत को तोड़ने करने का प्रयास किया जा रहा है।

जयपुर। कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में जम्मू -कश्मीर विधानसभा में धारा 370 बहाली को लेकर इंडी अलायंस और कांग्रेस पर सवाल उठाएं। कर्नल राठौड़ ने कांग्रेसी नेताओं को भारत का विभाजन करने वाला और अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देने वाला बताते हुए कहा कि राहुल गांधी और इनके नेताओं द्वारा लगातार पिछले कई सालों से भारत को तोड़ने करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके प्रयासों को विफल कर दिया। कांग्रेस और इनके गठबंधन वाली राजनीतिक पार्टियां 370 को बहाल करने के लिए चाहे जितने प्रयास कर लें, लेकिन पीएम मोदी ने धारा 370 का अंतिम संस्कार कर दिया है ये धारा अब वापस खड़ी होने वाली नहीं है। 

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेसी नेताओं से सवाल किया कि राहुल गांधी और इनकी पार्टी के नेता ये स्पष्ट कर दें कि वे धारा 370 को हटाने के पक्ष में है या उसे बहाल करने के पक्ष में है। देश की जनता के सामने कांग्रेसी नेताओं को स्पष्टीकरण देना चाहिए। कर्नल राठौड़ ने कहा कि देश की कांग्रेस पार्टी हमारे आने वाली पीढ़ी को खंडित और बंटा हुआ भारत देना चाहती है। कांग्रेस पार्टी सत्ता हासिल करने के एवज में देश को बांटने के लिए और खंडित तक करने के लिए तैयार है। कांग्रेस की देश को खंडित करने की मानसिकता धारा 370 वापस लाने की नाकामियाब प्रयास से सामने आ गई है। इनके नेताओं का दोहरा चरित्र देश के सामने आ गया है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने पहली बार देश को विभाजित करने का प्रयास नहीं किया है।

इससे पहले भी इन्होंने भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ हाथ मिलाया है। 2010 में जब राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर गए थे तो इन्होंने अलगाववादी सोच वाले नेताओं से वार्ता की, जब ये यूरोप और अमेरिका जाते है, तो वहां विश्वविद्यालय के अंदर भारत के लोकतंत्र को एक खतरा बताते है और यूरोप-अमेरिका को भारत में दखल देने के लिए न्यौता देते है। राहुल गांधी ने जेएनयू में टूकडे-टूकडे गैंग का समर्थन किया, इतना ही नहीं, देश की आतंकी घटनाओं में हिन्दू टेरर का नाम दिया, वहीं दूसरी ओर सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर भी इन्होंने सवाल उठाए। इसी कांग्रेस पार्टी ने अब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए नेशनल क्रॉन्फ्रेस के साथ समर्थन दिया। ऐसे में कांग्रेसी नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या बाबा भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाया गया संविधान जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होना चाहिए। क्या एक देश में दो संविधान होने चाहिए। कश्मीर में पहली बार दलित, महिला, बच्चों को और शरनार्थियों को मतदान का अधिकार मिला, तो क्या कांग्रेस पार्टी उनका ये मतदान का अधिकार छीनना चाहती है।

 

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